Maharana Pratap Jayanti: ऐसा महान योद्धा था राजस्थान का ये वीर सपूत, जिनकी मौत पर उनका सबसे बड़ा दुश्मन अकबर भी रोया

आज राजपूतों की आन बान और शान की खातिर मुगलों से लोहा लेने वाले मेवाड़ नरेश महाराणा प्रताप की जयंती है। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे


डेस्क। आज राजपूतों की आन बान और शान की खातिर मुगलों से लोहा लेने वाले मेवाड़ नरेश महाराणा प्रताप की जयंती है। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (पाली) में हुआ था। लेकिन राजस्थान में राजपूत समाज का एक बड़ा तबका उनका जन्मदिन हिन्दू तिथि के हिसाब से मनाता है। भारत का हर बच्चा उनके बारे में पढ़ते हुए बड़ा हुआ है। इसके बावजूद उनके बारे में कुछ बातें ऐसी हैं जो सुनने में तो असंभव लगती हैं, लेकिन हकीकत में सच हैं। हम आपको इस महान योद्धा के बारे में कुछ रोचक बाते बताने जा रहा हैं।

महाराण प्रताप से जुड़ी खास बातें
-महाराणा प्रताप ने 1582 में दिवेर में एक भयानक युद्ध में भाग लिया। इस युद्ध में उन्होंने मुगलों को धूल चटाई थी। महाराणा ने चावंड को 1585 में अपनी राजधानी घोषित कर दिया। उन्होंने चित्तौड़गढ़, मांडलपुर को छोड़कर पूरे मेवाड़ पर राज किया था।
-महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था।

-महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थीं। कहा जाता है कि उन्होंने ये सभी शादियां राजनैतिक कारणों से की थी।
-महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा चेतक था। महाराणा प्रताप की तरह ही उनका घोड़ा चेतक भी काफी बहादुर था। बताया जाता है जब युद्ध के दौरान मुगल सेना उनके पीछे पड़ी थी तो चेतक ने महाराणा प्रताप को अपनी पीठ पर बैठाकर कई फीट लंबे नाले को पार किया था। आज भी चित्तौड़ की हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है।
-हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले सिर्फ एक मुस्लिम सरदार हकीम खां सूरी था।

-प्रताप का सेनापति सिर कटने के बाद भी कुछ देर तक लड़ता रहा था। प्रताप ने मायरा की गुफा में घास की रोटी खाकर दिन गुजारे थे।
-महाराणा प्रताप हमेशा दो तलवार रखते थे एक अपने लिए और दूसरी निहत्थे दुश्मन के लिए।
-अकबर ने एक बार कहा था की अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते।

-अकबर महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा शत्रु था, पर उनकी मौत का समाचार सुन अकबर रोने लगा था क्योंकि ह्रदय से वो महाराणा प्रताप के गुणों का प्रशंसक था और अकबर जनता था कि महाराणा जैसा वीर इस धरती पर कोई नहीं है।
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