CM अशोक गहलोत को नहीं है अपने किसी मंत्री-विधायक पर भरोसा

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी ही सरकार के तमाम मंत्रियों और कांग्रेस पार्टी के विधायकों समेत निर्दलीय विधायकों, जो कि उनको समर्थन दे रहे हैं, उन पर में से किसी पर भी भरोसा नहीं है।

जनता अपने हाल पर, सरकार कोरोना पॉजिटिव!
करीब एक महीने बाद एक बार फिर से राजस्थान की सरकार होटल में आइसोलेटेड हो गई है। एक तरफ जहां कोविड-19 की वैश्विक महामारी से पूरे प्रदेश की जनता अपने हाल पर है, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अपनी सरकार बचाने के लिए अपने मंत्रियों और विधायकों को आइसोलेटेड करने में लगे हुए हैं।
पहले भी किया था सरकार को बन्द
इससे पहले 19 जून को जब राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होना था, तब भी राज्य के तमाम मंत्रियों और कांग्रेस के विधायकों समेत समर्थित निर्दलीय विधायकों को दिल्ली रोड पर एक रिसॉर्ट में रखा गया था। लगातार 10 दिन तक राज्य की सरकार आइसोलेटेड होने की स्थिति में रही थी।
एक महीना पूरा नहीं हुआ है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से अपनी पूरी सरकार को और समर्थन देने वाले तमाम विधायकों को एक होटल में कैद करने की प्रक्रिया आज फिर से शुरू कर दी है।
बहुमत है तो बार-बार परेड क्यों?
जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने मंत्रियों और विधायकों की बार बार मीडिया के सामने परेड करवाते हैं और छोटी सी गतिविधि के ऊपर भी होटल में ले जाकर बंद कर देते हैं, उससे साफ जाहिर है कि उनको अपने मंत्रियों और विधायकों पर भरोसा नहीं है।
इसके उलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि कांग्रेस के विधायक बिकाऊ नहीं है, जबकि कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के द्वारा राज्य की अशोक गहलोत सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया है।
निरंकुश होगी ब्यूरोक्रेसी
राज्य की सरकार के द्वारा बार-बार बाड़ाबंदी किए जाने की बात पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि सरकार यदि बाड़े में बंद रहेगी, मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री की निगरानी में होटलों में बंद रहेंगे, तो राजस्थान के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान होगा और राज्य में शासन निरंकुश हो जाएगा।
पायलट को बदनाम करने की साजिश
राजनीति के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार बचा कर किसी भी तरह से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पार्टी से बाहर करना चाहते हैं और आलाकमान की नजर में उनको बदनाम करके पार्टी से निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
25 विधायक पायलट के साथ
दूसरी तरफ सचिन पायलट ने कहा है कि उनके साथ दिल्ली में 25 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है और जल्द ही कुछ नया ऐलान करने वाले हैं। भाजपा ने कहा है कि सचिन पायलट और अन्य कोई भी नेतागिरी पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा।

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