घुटनों को मजबूती प्रदान करने के लिए अपनाए यह तरिके

घुटनों के कार्टिलेज के बीच एक चिपचिपा कारागार होता है जो इंसान के शरीर के वजन को संभालता है व चलने-दौड़ने जैसी क्रियाओं के लिए मजबूती देता है.

आयु बढ़ने से यह कारागार खत्म होता जाता है व बुजुर्ग होने पर चलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. अब शोधकर्ताओं ने एक कृत्रिम कारागार तैयार कर लिया है जो घुटनों की मरम्मत कर उन्हें मजबूती प्रदान करते हैं.
काफी ज्यादा वजन संभाल सकता है- ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा कारागार बनाने का दावा किया है जो घुटनों के प्राकृतिक कारागार से बिल्कुल मेल खाता है. यह कृत्रिम कारागार 60 प्रतिशत पानी से बना है, लेकिन इसका एक छोटा-सा डिस्क 45 किलोग्राम तक वजन बिना किसी क्षति के संभाल सकता है. इसके निर्माणकर्ताओं ने बोला कि यह पहला ऐसा हाइड्रोजेल पदार्थ है जिसे पानी व पॉलीमर से बनाया गया है. यह घुटनों के कारागार की तरह ही भारी-भरकम वजन सरलता से संभाल सकता है व समय के साथ बेकार भी नहीं होता.
घुटनों के प्रत्यारोपण को रोका जा सकेगा- डयूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों बेन विले व केन गाल ने बोला कि बहुत जल्द ही घुटनों के कारागार का कृत्रिम विकल्प तैयार कर लिया जाएगा व इससे दुनियाभर में लाखों घुटनों के प्रत्यारोपण को रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा, घुटनों में उपस्थित कार्टिलेज कुछ हद तक खुद की मरम्मत कर सकता है. लेकिन, एक आयु के बाद या ज्यादा इस्तेमाल के बाद इसे पहुंची क्षति को अच्छा करना संभव नहीं है. घुटनों का प्रत्यारोपण 20 वर्षों तक कार्य करता है, लेकिन यह नया कारागार एक समुचित उपचार के रूप में उभरेगा.

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