अभिनय करने की बात पर चप्पल फेंकी थी इस फिल्म अभिनेता के दादा ने

बहुत कम लोग जानते हैं कि अभिनेता सत्यजीत दुबे मशहूर लेखक सत्यदेव दुबे के पोते हैं। भूमिका निशांत, जुनून जैसी फिल्में लिखने वाले सत्यदेव सत्यजीत के दादा के छोटे भाई थे। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में कई अभिनेताओं को अभिनय की ट्रेनिंग भी दी थी। सत्यजीत ने अपना करियर बनाने के लिए कभी अपने दादा के नाम का इस्तेमाल नहीं किया। सत्यजीत की मानें तो उनकी दादा नहीं चाहते थे कि वह अभी नहीं करें। सत्यजीत का कहना है कि दादा अपने परिवार से भी संपर्क नहीं रखते थे। उन्होंने दादा के बारे में कई कहानियां सुनी है। सत्यजीत बताते हैं,दादा मुंबई थिएटर सर्किट में अग्रणी थे, और मेरी मुलाकात उनसे तब हुई थी जब मैं बहुत छोटा था। वर्ष 2007 में भी उनसे मुलाकात हुई थी।

 
 वह डांटने के लिए प्रसिद्ध थे।जब मैंने 17 साल की उम्र में उन्हें बताया कि मैं अभिनेता बनना चाहता हूं,तो उन्होंने मुझ पर अपनी चप्पल फेंकी और कहा भी नहीं आसान नहीं है।वह चाहते थे कि मैं अपनी मां के लिए पैसे कमा और उनका ध्यान रखूं।लेकिन मुझे पता था कि मुझे यही काम करना है ऐसा ही वह दूसरों के साथ भी बर्ताव करते थे।हम पृथ्वी थियेटर जाया करते थे उनके साथ मेरी खट्टी मीठे रिश्ते थे। उन्होंने नसीर और अमरीश पुरी सर को ट्रेनिंग दी है।मैंने उनके साथ में ट्रेनिंग किया नहीं काम लिया। मैं उनके नाम का इस्तेमाल करने की वजह पहचान बनाना चाहता हूं। 'सत्यजीत महाराजा' की जय हो नाम की साइंस फिक्शन सीरीज नजर आएंगें।

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