ज्यादा से ज्यादा संक्रमितों की करें पहचान : डीएम

नवादा : समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से डीएम यशपाल मीणा ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा की। बताया गया कि रैपिड एन्टीजेन कीट के माध्यम से कोरोना के सैंपलों की जांच की जा रही है। अनुमंडल स्तर पर 50 एवं पीएचसी स्तर पर 15 से 20 तक यानि कुल लगभग 255 सैंपल प्रतिदिन जांच करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा संक्रमितों की पहचान कर उचित उपचार किया जा सके। उन्होंने सभी जिलावासियों से अपील किया है कि अपनी बीमारी को न छिपाएं। तेज बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर नजदीकी जांच केंद्र में जाकर जांच कराएं। जांच केन्द्र पर कोरोना के अलावा अन्य रोग से ग्रसित व्यक्ति अनावश्यक भीड़ न लगाएं।


उन्होंने प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार को निर्देश दिया कि पीएचसी स्तर पर रैपिड एन्टीजेन कीट से जांच में वैसे व्यक्तियों को प्राथमिकता दें, जिनमें कोरोना के लक्षण हों। इन केन्द्रों पर विधि-व्यवस्था संधारण हेतु अनुमंडल पदाधिकारी नवादा एवं रजौली को निर्देश दिया गया कि जांच वाले स्थल पर भीड़-भाड़ न होने दें। कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को रोकने के लिए कन्टेन्मेंट जोन क्षेत्रों में बैरिकेटिग की गई है। सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है। उन क्षेत्रों में दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। लॉकडाउन प्रोटोकॉल नियमों का पालन करने का निर्देश जारी किया गया है। -----------------
बिना मास्क के 2897 लोगों से वसूला गया जुर्माना
- सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती ने बताया कि 2 हजार 897 बिना मास्क पहने व्यक्तियों से 1 लाख 44 हजार 850 रुपये, 1386 वाहनों से 4 लाख 32 हजार रुपये अर्थदंड की वसूली की गई है। 31 दुकानों को सील किया गया है। रजौली एसडीएम चन्द्रशेखर आजाद ने बताया कि रजौली अनुमंडल में 16 कन्टेंमेंट जोन बनाए गए हैं। उन सभी जगहों पर दण्डाधिकारी एवं चौकीदार की प्रतिनियुक्ति की गई है। बिना मास्क पहनने वाले से 1 लाख 20 हजार रुपये एवं वाहन चेकिग के दौरान 3 लाख 61 हजार रुपये अर्थदंड की वसूली की गई है। सभी बीडीओ व सीओ द्वारा मास्क का वितरण भी किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि पीएचसी स्तर पर अतिरिक्त 50 बेड का निर्माण, 7 से 8 ऑक्सीजन सिलेन्डर की उपलब्धता, जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही पीएचसी स्तर पर नियंत्रण कक्ष का निर्माण हर हाल में करना सुनिश्चित करें। ताकि महामारी के समय में जिला के सुदूर क्षेत्रों में इलाज सम्भव हो सके।
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अतिरिक्त बेड की व्यवस्था का निर्देश
- डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि निजी नर्सिंग होम संचालकों के साथ बैठक करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवा ली जा सके। उन्होंने कहा कि इन्डोर स्टेडियम में 100 बेड एवं श्रम संसाधन भवन में 150 बेड की व्यवस्था करें। इस संबंध में उप विकास आयुक्त वैभव चौधरी ने पीएचसी प्रभारियों से आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि लैब टेक्नीशियन द्वारा जांच के बाद कीट को निर्धारित स्थानों पर निस्तारित कराया जाए। इसके अतिरिक्त जांच का प्रशिक्षण एएनएम एवं आशा को भी दिया जाए। इस अवसर पर डीडीसी वैभव चौधरी, सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती, रजौली एसडीएम चंद्रशेखर आजाद, प्रभारी सीएस डॉ. अशोक कुमार, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, डीआइओ एनआइसी राजीव कुमार आदि उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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