रामायण: ये थे भगवान राम की सेना के 10 महान योद्धा, जानें किसे क्या मिली थी जिम्मेदारी

भगवान राम ने वानर सेना की मदद से लंका पर चढ़ाई कर रावण की सेना से भीषण युद्ध कर विजय प्राप्त की थी. दस दिनों तक चले इस युद्ध में वानर सेना ने अद्भुत वीरता का प्रदर्शन किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिया राम की सेना कौन-कौन से महारथी शामिल थे और उन्हें क्या जिम्मेदारियां दी गई थीं.

श्रीम राम प्रमुख सहयोगी जैसे सुग्रीव, हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और नील से तो सभी परचित हैं लेकिन वानर सेना में इनके अलावा भी एक से एक महान योद्धा थे जिन्होंने रावण की शक्तिशाली सेना दस दिनों के अंदर ही धूल चटा दी थी. जानते हैं श्रीराम के सेना के प्रमुख वीरों के बारे में-
सुग्रीव: वानरों के राजा सुग्रीव श्रीराम की सेना के प्रमुख प्रधान . 10,00,000 से ज्यादा सेना के यह सेना अध्यक्ष थे.
हनुमान: श्रीराम सेना के प्रमुख योद्धाओं में से एक थे.
लक्ष्मण: श्रीम राम के छोटे भाई, प्रमुख योद्धाओं में एक.
अंगद: बाली तथा तारा का पुत्र वानर यूथ पति एवं प्रधान योद्धा. अंगद रामदूत भी थे. अंगद ने युद्ध में अदुभुत साहस दिखाया. उन्होंने रावण के पुत्र नरान्तक और रावण की सेना के प्रमुख योद्धा महापार्श्व का वध किया था.
विभीषण: रावण का भाई. प्रमुख सलाहकार.
जामवंत: रीछ सेना के सेनापति एवं प्रमुख सलाहकार. यह कुशल योद्धा के साथ ही मचान बांधने और सेना के लिए रहने की कुटिया बनने में भी कुशल थे.
नल: वानर सेना में इंजीनियर. समुद्र पर सेतु का निर्माण इनकी देखरेख में हुआ
नील: वानर सेना में सेनापति और इंजीनियर. इन्होंने भी सागर पर सेतु निर्माण में प्रमुख योगदान दिया. नल और नील को ऋषियों ने श्राप दिया था कि वे जिस चीज को छुएंगे वह पानी में नहीं डूबेगी.
द्विविद: ये बहुत ही बलवान और शक्तिशाली थे, इनमें दस हजार हाथियों का बल था. इनके भाई मैंद ने भी युद्ध में भाग लिया था.
केसरी: हनुमानजी के पिता. महान योद्धा 1,00000 से ज्यादा वानर सेना के साथ युद्ध कर रहे थे.
शतबली: महान योद्धा इनके साथ 1,00000 से ज्यादा वानर सेना थी.
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