मियादी बुखार में लापरवाही बच्चों पर पड़ सकती भारी

बिहारशरीफ। कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा अभी भी बरकरार है। उस पर लगातार बारिश होने से सब तरफ गंदे पानी का जमाव बढ़ता जा रहा है जो अपने साथ कई जल-जनित रोग भी लाता है। टाइफाइड या मियादी बुखार भी इन्हीं रोगों में से एक रोग है जो वर्षा के कारण जमे दूषित जल और उससे पनपे साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु से फैलता है। मियादी बुखार सभी उम्र में हो सकता है किन्तु इनसे सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुकाबले कम होती है। इसलिए इस रोग के लक्षणों के प्रति जागरूक होकर और उन्हें पहचान कर ससमय उपचार द्वारा अपने बच्चों को इसके खतरे से बचा सकते हैं।

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मियादी बुखार होने के लक्षण
कोरोना वायरस के समान मियादी बुखार भी एक संक्रामक रोग है जो गंदे खाने पीने की वस्तुओं के उपयोग से पनपता है बच्चे में लगातार तेज बुखार(103-04 )आना, कमजोरी महसूस होना, पेट में या सिर में दर्द, भूख नहीं लगना या कम लगना, त्वचा पर चकते या गुलाबी धब्बे बनना जैसे लक्षण दिखे तो यह मियादी बुखार हो सकता है। इसमें बुखार एक सप्ताह या इससे अधिक समय के लिए रहता है जिसके दौरान बच्चा कभी-कभी बेहोश भी हो सकता है। इस बुखार में जरा भी लापरवाही इसे भयंकर रूप दे सकती है जो बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए रोग की गंभीरता को देखते हुए बिना समय बर्बाद किए चिकित्सकीय परामर्श लें और अपने बच्चे को सुरक्षित रखें । 
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स्वच्छता अपना कर करें रोग पर वार
सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया मियादी बुखार आने के लिए जिम्मेदार साल्मोनेला टाइफी जीवाणु दूषित जल या उसके उपयोग से बने हुए भोजन तथा खुले खाने पीने की वस्तुओं पर पनपती है तथा इससे संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग में आए वस्तुओं का किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति द्वार उपयोग करने पर उसे भी संक्रमित कर देता है। इसलिए इस संक्रमण से शिशु को बचाने के लिए आपने आसपास की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। दूषित जल जमाव ना होने दें, खाने पीने का सामान हमेशा ढंक कर रखें, बिना ढंका या दूषित भोजन ना करें और मियादी बुखार से संक्रमित होने से अपने बच्चों को बचाएं ।
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बच्चों के आहार में पोषक तत्वों पर दें विशेष ध्यान
कोरोना संक्रमण के बाद यह बात स्पष्ट है कि शरीर निरोग और स्वस्थ रहे इसके लिए आहार की गुणवत्ता का सबसे ज्यादा योगदान है। आहार की विविधता उसमें पोषक तत्वों और एंटि-ऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाता है और हमें रोग से लड़ कर हराने की क्षमता भी देता है। इसलिए अपने नौनिहालों के भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध और दूध से बने डेयरी प्रॉडक्ट, अंडा, मांस, मछली, अंकुरित अनाज शामिल करें, मियादी बुखार में शरीर में पानी की मात्रा में कमी हो जाती है जो बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।  इसलिए पर्याप्त स्वच्छ जल और दूसरे प्राकृतिक पेय पदार्थों (नारियल पानी, नींबू पानी ) के सेवन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त खट्टे फल(नींबू, संतरा) का सेवन करवाएं और मियादी बुखार से शिशु को मुक्त रखें।
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