अब खाद दुकानदार ही किसानों को बताएंगे उर्वरक के प्रयोग की विधि

बेतिया। अब किसानों को फसल में कब उर्वरक का प्रयोग करना है? किस फसल कब कितनी उर्वरक की जरूरत है? किस उर्वरक के प्रयोग से क्या होगा लाभ? फसलों में पोषक तत्वों की जरूरत कैसे होगी पूरी? आदि बातों की जानकारी उर्वरक विक्रेता ही अब देंगे। उन्हें कृषि विज्ञान केन्द्र, माधोपुर के वैज्ञानिकों के द्वारा इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। पहले चरण में अब तक 30 खाद के विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें उन्हें समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के तहत इसकी जानकारी दी जा रही है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है? कि अब खाद विक्रेताओं के लिए अनुज्ञप्ति प्राप्त करने से पहले उन्हें इसका प्रशिक्षण लेना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए यहां के मुख्य कार्यक्रम समन्वयक डा. एसके गंगवार, कृषि वैज्ञानिक डा. धीरू तिवारी, डीडीएम नसाबार्ड गोपाल पड़ित, जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश, कृषि रसायन के सहायक निदेशक नईम नोमानी ने प्रशिक्षणार्थी उर्वरक विक्रेताओं को इस क्षेत्र में अपडेट किया। जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश ने बताया कि अब विभाग उर्वरक बिक्री के लिए अनुज्ञप्ति उन्हीं को देगी, जिनके पास इस तरह का प्रशिक्षण हो। 15 दिनों तक हुए इस प्रशिक्षण में सभी को इस पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें इस प्रशिक्षण से जुड़े प्रमाण पत्र भी दिया गया।

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किसानों को होगा लाभ
अब तक किसान किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक आदि से इसकी जानकारी ले रहे थे, लेकिन उर्वरक विक्रेताओं को इसका प्रशिक्षण देने के बाद किसानों को और अधिक लाभ होगा उर्वरक विक्रेताओं को समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने से इसका सीधे तौर पर लाभ किसानों को होगा। अब किसी भी किसान के पास इस बात के लिए चिता नहीं रहेगी कि उन्हें अमूक फसल में कोन से उर्वरक कितनी मात्रा में देनी है।
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शीघ्र ही दूसरे सत्र की होगी शुरुआत
केविके के कार्यक्रम समन्वयक डा. गंगवार ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए दूसरे सत्र की शुरुआत शीध्र ही होगी। इसके लिए इच्छ़ुक व्यक्ति अपना निबंधन करा सकते हैं। यह प्रशिक्षण भी 15 दिनों तक चलेगा।
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