आयोग का चाबुक : आपराधिक मुकदमे को नहीं प्रकाशित कराने वाले प्रत्याशियों पर आयोग की है नजर

- निर्धारित अवधि पर समाचार पत्र और टीवी में हर हाल में कराना होगा प्रकाशित

- जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्टैंडिग कमेटी की बैठक में जारी किया निर्देश
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संवाद सहयोगी, नवादा : समाचार पत्र व टीवी में आपराधिक मुकदमा का ब्योरा नहीं देने वाले प्रत्याशियों पर आयोग की नजर है। पूरी बारीकी से नजर रखी जा रही है। इसलिए उम्मीदवार इससे भाग नहीं सकेंगे। प्रकाशन के लिए भी समय सीमा निर्धारित है। समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम यशपाल मीणा की अध्यक्षता में सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अध्यक्ष व सचिव के साथ स्टैंडिग कमेटी की बैठक हुई। डीएम ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान नाम निर्देशित अभ्यर्थी को प्रारूप-26 में किये गए घोषणा के आलोक में, जिनका आपराधिक जीवनवृत उल्लेखित है, उन्हें तीन बार निर्धारित फॉर्मेट में निर्धारित समय सीमा के अन्दर समाचार पत्रों और टीवी चैनल पर प्रकाशित कराना है। उन्होंने बताया कि पहली बार उम्मीदवारी वापसी के अंतिम तिथि के बाद पहले दिन से चार दिनों के अन्दर आपराधिक वृत को प्रकाशित कराना है। दूसरी बार नाम वापसी के अंतिम तिथि के बाद पांचवें दिन से आठवें दिन के अंदर और तीसरी बार अभ्यर्थिता वापसी के अंतिम तिथि के बाद नौवें दिन से मतदान की तारीख से पहले दूसरे दिन तक छपना है।
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आदर्श आचार संहिता का करें पालन
- डीएम ने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा किसी भी प्रकार का आयोजन यथा रैली, आम सभा का आयोजन किया जाता है तो इसके लिए अनुमति लेना आवश्यक है। आयोजक अपने स्तर से आयोजन में शामिल व्यक्तियों को मास्क इत्यादि उपलब्ध कराएं, कोविड-19 के दृष्टिगत निर्गत दिशा-निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करें। विधान सभा चुनाव के अवसर पर लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो। उल्लंघन के आरोप में सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।
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