निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर करें कार्रवाई

अरवल। बिहार विधानसभा चुनाव को स्वच्छ एवं निष्पक्ष के साथ ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए जाने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी ने फिर पुलिस, नोडल पदाधिकारी, सहायक नोडल पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को गंभीर आदेश निर्गत किया है। उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का अक्षरश: अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि यदि किसी व्यक्ति के द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करें। डीएम का कहना है कि कभी कभी ऐसा देखा जाता है कि इस क्षेत्र में जो घटना होती है उसकी जानकारी क्षेत्रीय अधिकारियों से मिलने के बजाय बाहर के उच्चाधिकारियों एवं अन्य स्रोतों से मिलती है। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने अपने क्षेत्र में भ्रमणशील होकर आसूचना का संग्रह करें। तदानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए इसकी सूचना अधोहस्ताक्षरी को दें। डीएम ने कहा कि जिन तत्वों के बारे में अवैध धनोपार्जन या काले धन जमा करने की आशंका हो उनका नाम आयकर विभाग के अधिकारियों को भेजें ताकि वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सूची बनाई जाए। असामाजिक तत्वों एवं चुनाव के अवसर पर गड़बड़ी फैलाने वाले तत्वों एवं बाहुबल एवं धन के बल पर चुनाव के निष्पक्षता पर कुठाराघात करने वाले तत्वों की पहचान कर उसकी सूची तैयार करें। उसके आपराधिक कृत्यों की जानकारी प्राप्त कर जरूरी कार्रवाई करें। उनका यह भी कहना है कि बड़ी परियोजनाओं से संबंद्ध अभिकर्ता आदि के अपराधिक चरित्र के संबंध में जानकारी हासिल करें तथा उनकी भी एक सूची संधारित कर की गई कार्रवाई का उल्लेख साप्ताहिक प्रतिवेदन में दें।

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शराब पर रोक के लिए करें छापेमारी
डीएम ने कहा कि चुनाव के दौरान ऐसा देखा जाता है कि अवैध शराब की बिक्री बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप चुनाव में बाधा पहुंचती है। सभी थानाध्यक्ष एवं उत्पाद अधीक्षक शराब की बिक्री पर रोक लगाएंगे एवं छापेमारी करेंगे। इसका दैनिक प्रतिवेदन विधि व्यवस्था कोषांग में भेजेंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा संवेदनशील, कमजोर वर्ग के मतदाता विशेषकर अनुसूचित जाति-जनजाति क्षेत्र के मतदाता के मताधिकार का उपयोग करने के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में सेक्टर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत पत्रों के आलोक में सभी निर्वाची पदाधिकारी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी एवं संबंधित थानाध्यक्षों को वेधता मानचित्र तैयार करने एवं उससे संबंधित अनुवर्ती के साथ क्रिटिकल मतदान केंद्रों को चिन्हित करने एवं प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्रों में गहन छानबीन कर वैसे लोगों की पहचान करने जिनसे कमजोर वर्ग के मतदाता डराए धमकाए जाते हैं और उसके कारण वे मतदान से वंचित रह जाते हैं।
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