DRDO ने दुर्लभ विशनाग सफेद दाग की दवा ल्यूकोस्किन  तैयार किया

दुर्लभ बूटी विषनाग से सफेद दाग (Leucoderma) को खत्म करने में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. करीब 10 हजार फुट की ऊंचाई पर मिलने वाले विषनाग से तैयार DRDO की ल्यूकोस्किन (Lukoskin),सफेद दाग के इलाज में काफी असरदार है. रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान (DRDO) के वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद ल्यूकोस्किन दवा को तैयार किया. विषनाग औषधि सफेद दाग को बढ़ने से रोकने में प्रभावी है साथ ही इसे पूरी तरह से खत्म भी कर रही है. विषनाग के अलावा कौंच, बाकुची, मंडूकपर्णी, एलोवेरा, तुलसी जड़ी बूटियां भी मिलकर सफेद दाग को रोकती हैं.

ल्यूकोस्किन को लगाने के बाद सुबह-शाम 10 मिनट धूप में बैठने से होता है फायदा .
विश्व विटिलिगो दिवस (World Vitiligo Day) की पूर्व संध्या पर भारतीय वैज्ञानिकों की इस सफलता के बारे में एमिल फॉर्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने कहा कि विषनाग काफी दुर्लभ बूटी .
विषनाग से तैयार ल्यूकोस्किन को लगाने के बाद सुबह और शाम 10-10 मिनट धूप में बैठने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सुबह की धूप से त्वचा को नुकसान भी कम होता है. साथ ही विटामिन भी शरीर को मिलते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक डेढ़ लाख मरीज रजिस्टर हैं जिनमें से 70-75 प्रतिशत तक मरीजों में इसके पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं.
देश में 4 से 5 प्रतिशत लोगों में है सफेद दाग की परेशानी
जानकारी के अनुसार देश में करीब 4 से 5 प्रतिशत लोगों में सफेद दाग की परेशानी देखने को मिलती है. जबकि विश्व स्तर पर यह आंकड़ा करीब 1 से 2 प्रतिशत है. राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में इसके ज्यादा मरीज हैं. दक्षिणी राज्यों में भी मरीजों की संख्या अधिक है. चूंकि सफेद दाग को लेकर देश में मिथक भी बहुत हैं, ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों का अध्ययन लाखों लोगों के लिए संजीवनी के रूप में सामने आया है. इसका इस्तेमाल आसान बनाने के लिए पीने और लगाने (ओरल और क्रीम) दो टाइप दिए हैं.
दिल्ली की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नितिका कोहली बताती हैं कि सफेद दाग की बीमारी से पीड़ित मरीज खासतौर पर महिलाएं मानिसक रूप से भी परेशान रहती हैं. समाज और उनके घर-परिवार में इस परेशानी को छुआछूत से जोड़कर देखते हैं जोकि एकदम गलत है. ल्यूकोस्किन के बेहतर परिणाम लगातार देखने को मिल रहे हैं. इसकी ओरल खुराक का असर इम्युनिटी बढ़ाने में भी मिला है.
देश में 4 से 5 प्रतिशत लोगों में है सफेद दाग की परेशानी
जानकारी के अनुसार देश में करीब 4 से 5 प्रतिशत लोगों में सफेद दाग की परेशानी देखने को मिलती है. जबकि विश्व स्तर पर यह आंकड़ा करीब 1 से 2 प्रतिशत है. राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में इसके ज्यादा मरीज हैं. दक्षिणी राज्यों में भी मरीजों की संख्या अधिक है. चूंकि सफेद दाग को लेकर देश में मिथक भी बहुत हैं, ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों का अध्ययन लाखों लोगों के लिए संजीवनी के रूप में सामने आया है. इसका इस्तेमाल आसान बनाने के लिए पीने और लगाने (ओरल और क्रीम) दो टाइप दिए हैं.
दिल्ली की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नितिका कोहली बताती हैं कि सफेद दाग की बीमारी से पीड़ित मरीज खासतौर पर महिलाएं मानिसक रूप से भी परेशान रहती हैं. समाज और उनके घर-परिवार में इस परेशानी को छुआछूत से जोड़कर देखते हैं जोकि एकदम गलत है. ल्यूकोस्किन के बेहतर परिणाम लगातार देखने को मिल रहे हैं. इसकी ओरल खुराक का असर इम्युनिटी बढ़ाने में भी मिला है.

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