CGHS: केंद्रीय कर्मियों को जिंदगीभर नहीं देना पड़ता है अस्पताल का खर्चा, जानें किन लोगों को मिलती है ये सुविधा

सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) केंद्र सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है. इस योजना का फायदा सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को मिलता है. योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है. उन्हें अस्पताल का बिल या महंगी दवाइयां खरीदने के लिए अपने जेब से नहीं देना पड़ता है. सीजीएचएस की सुविधा देश के 72 शहरों में उपलब्ध है.

किस-किस पर लागू होती है सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों पर लागू होती है. इसके अलावा पेंशनधारक और उनके आश्रित परिवार को भी फायदा मिलता है. संसद के वर्तमान और पूर्व सदस्य, पूर्व गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर, सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के न्यायाधीश, पूर्व न्यायाधीश और स्वतंत्रता सेनानियों को सरकार सीजीएचएस कार्ड का फायदा देती है.
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के अंतर्गत मान्यता प्राप्त पत्रकार, दिल्ली पुलिस के कार्यकर्ता, रेलवे बोर्ड के कर्मचारी, पोस्टऑफिस कर्मचारी, टेलीग्राफ कर्मचारी भी आते हैं.
योजना का 100 शहरों में होगा विस्तार सीजीएचएस सेवाओं का विस्तार जल्द ही भारत के 100 शहरों में होगा. वर्तमान में यह योजना 329 एलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्रों और 86 आयुष केंद्रों के जरिए 72 शहरों में चल रही है. इस सेवा का 12.09 लाख प्राथमिक कार्डधारक और 35.72 लाख अन्य लाभार्थी लाभ उठाते हैं. इनमें से 17 लाख लाभार्थी दिल्ली/एनसीआर के है. CGHS सेवाओं का लाभ लेने वाले 2.5 लाख से ज्यादा लाभार्थी 75 साल और उससे अधिक उम्र के हैं. करीब 58 फीसदी सीजीएचएस लाभार्थी एक साल में कम से कम एक बार सीजीएचएस सुविधाओं का लाभ अवश्य उठाते हैं.
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