बारा देवी मंदिर का इतिहास : 400 साल पहले इस घटना के चलते 6 बहनों संग मूर्ति बन गईं थी मां

कानपुर। नगर के दक्षिणी हिस्से जूही क्षेत्र में स्थित मां बारा देवी का मंदिर वैसे तो सम्पूर्ण महानगर की श्रद्धा का केंद्र स्थल है, वहीं नगर में दक्षिण क्षेत्रवासियों के लिए यह परमश्रद्धास्पद स्थान है। मां बारा देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि बर्रा गांव के लठूआ बाबा की बारह कन्याएं थीं। यह देवी सबसे बड़ी थीं। पिता के द्वारा इनका विवाह अर्रा गांव में तय कर दिया गया। बारात आई, बड़े ही धूमधाम के साथ द्वार चार एवं अगवानी संपन्न हुई। मंगल गीत गाए जा रहे थे। शादी के फेरे हो रहे थे। छह फेरे पड़ने के बाद पिता जी के अनुचित व्यवहार से कुपित होकर तप प्रभाव से पूरी बारात एवं जनात के साथ सभी बहनें पत्थर की हो गई। लगभग 400 वर्ष पूर्व कि यह घटना है।

कालांतर में सात बहनें प्राप्त हुई
नवरात्र में माता जी में मायके अर्रा गांव से व बर्रा गांव से मां का चढ़ावा आता है

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