8 साल की मान्या ने बनाया ऐसा APP, जो छोटे बच्चों को बनाएगा आत्मनिर्भर

बच्चों में हर चीज को सीखने का शौक और जिज्ञासा बचपन से होती है। मगर, कई बार कुछ बच्चे ऐसा काम कर जाते हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणा तो बनता ही है साथ ही चौंका देने वाला भी होता है। आज हम आपको गुरुग्राम की एक ऐसी ही बच्ची के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी बहन को पढ़ाते-पढ़ाते खुद एक ऐप बना दिया। चलिए अब हम आपको बताते हैं कि कैसे 8 साल की मान्या को ऐप बनाने की आइडिया कहां से आया और कैसे उन्होंने यह ऐप बनाया।

WhiteHat Jr से मिली मदद
हरियाणा के गुरूग्राम सनसिटी स्कूल (Suncity School) की स्टूडेंट मान्या को यह ऐप बनाने का आइडिया WhiteHat Jr. से मिला। दरअसल, मान्या अपनी छोटी बहन को वह सबकुछ सिखाना पसंद है जो वह जानती है। जब वह अपने टीचिंग एक्सपीरियंस का मजा ले रही थी तभी उन्हें एक ऐप प्रेरणा मिली। WhiteHat Jr. ने मान्या को ऐप बनाने के लिए प्रेरित किया, जिसकी वजह से आज बच्ची का ऐप पिकाबू (Pickaboo) गूगल स्टोर पर भी उपलब्ध है। मान्या का यह एप्लिकेशन ऑब्जेक्ट की एक तस्वीर लेकर माइक्रोसॉफ्ट इमेज प्रोसेसिंग एपीआई (Microsoft Image Processing API) में भेजता है। इसके बाद API डिस्क्रिप्शन को लैंग्वेज सेटिंग के आधार पर ट्रांसलेट करता है। फिर परिणाम टेक्स्ट टू स्पीच कन्वर्टर और एक ट्रांसलेटर इंजन को भेजता है, जो स्कैन की गई वस्तु का नाम अंग्रेजी, हिंदी, स्पेनिश, फ्रेंच और जर्मन सहित पांच अलग-अलग भाषाओं में लिखता है।

बच्चों के लिए बनाया इनोवेटिव ऐप
मान्या का कहना है कि 'मेरी बहन हमेशा डिफरेंट चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहती है जो वह अपने आसपास देखती है। मैं अक्सर उसे अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से सवाल पूछते देखती थी और कुछ ऐसा बनाना चाहती थी, जिससे उसे जानने में मदद मिले। व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr.) पर मैंने जो अवधारणाएं सीखीं, मैंने उससे एक ऐसे एप्लिकेशन विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया, जिससे मेरी बहन की उम्र के बच्चे को मजेदार तरीके से उनकी पसंद की जानकारी मिल सके।'
बच्चों को मिलेगी आत्मनिर्भर बनने में मदद
मान्या ने समर्पित रूप से अपनी बहन को नई चीजें सिखाने में समय बिताया। मगर, जब वह अपनी बहन को सिखाती थी तो उनके मन में उस उम्र के बच्चों के लिए कुछ ऐसा बनाने की सोच उमड़ती थी, जो उनके सीखने का अनुभव मजेदार बनाए और जिससे वो आत्मनिर्भर बन सकें। अब मान्या के इस ऐप के जरिए बच्चे अपनी छोटी-सी दुनिया को मजेदार तरीके से एक्सपलोर कर सकते हैं और नई-नई चीजें सीख सकते हैं।

मान्या के पेरेंट्स हर्ष सिंघल और शिखर सिंघल ने कहा, 'इस ऐप को बनाने के लिए मान्या की दृढ़ता पर हमें गर्व है। खुद एक बच्चा होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों को टेक्नॉलॉजी की मदद से असल जिंदगी की समस्याओं से निपटने में मदद करने की कोशिश कर रही है। हम उसे ऐसी क्रिएटिव प्रोजेक्ट खोजने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे, जो उसके संपूर्ण विकास में भी मदद करेंगा।'
WhiteHat Jr ने की मान्या की तारीफ
व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr.) के फाउंडर और सीईओ करण बजाज (Karan Bajaj) का कहना है कि 'युवा बच्चे आज बहुत ही चौकस हैं और उनकी जिज्ञासु प्रकृति उनके बौद्धिक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देती है। माता-पिता के रूप में हमें उस जिज्ञासा को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए और उन्हें एक समृद्ध सीखने का अनुभव प्रदान करना चाहिए। कोड को सीखना बच्चों में रचनात्मकता और समस्या को सुलझाने के कौशल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। मैं यह देखकर खुश हूं कि मान्या ने अपने कोडिंग और एनालिटिकल स्किल्स का यूज एक इनोवेटिव ऐप बनाने के लिए किया, जिससे छोटे बच्चे अपने आसपास की दुनिया के बारे में जान सकते हैं।'

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