किसान चाहे बाजार, युवा मांगे रोजगार

बिहारशरीफ। बीते तीन चुनावों से एकतरफा जनादेश देते आ रहे नालंदा में इतनी संशय की स्थिति कभी नहीं रही। मुख्य वजह गठबंधनों के पक्ष-विपक्ष में समीकरण कभी बन रहे हैं तो कभी बिगड़ रहे हैं। लोजपा मतदाताओं के सामने मजबूत विकल्प बनने की जुगत में है। इधर, खुद को लड़ाई में मान कर चल रहे सभी प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा स्वजातीय वोटरों को रिझाने में जुटे हैं। इरादा साफ है, पार्टी के आधार मत में स्वजातीय वोटर जुड़ जाएं, जिससे जीत की राह आसान हो सके। नालंदा जिले में हर क्षेत्र में काम हुआ है, इससे विरोधियों को भी इंकार नहीं। लेकिन, चुनाव में यह आमजन के मुद्दों की फेहरिश्त में कम अहमियत रखे है। किसानों को बाजार और युवाओं को रोजगार के मुद्दे शीर्ष पर हैं। नतीजतन, सभी दलों व प्रत्याशियों को जनता के सामने इन्हीं दोनों मुद्दों की पिच पर बैटिग करनी पड़ रही है। गांव-गांव घूम रहे प्रत्याशियों को इन्हीं दो मुद्दों पर जनता घेर रही है। प्रत्याशियों व वोटरों के बीच का संवाद रोचक दौर में पहुंच चुका है। प्रत्याशियों के चुनावी वादे व इरादे को वोटर भरोसे की कसौटी पर कस रहे हैं। वोटर यह भी चाह रहे हैं कि रोजगार व किसानों को बाजार का भरोसा स्वजातीय उम्मीदवार से मिल जाए। राजग का 15 साल बनाम 15 साल का तर्क युवाओं के गले नहीं उतर रहा। वैसे अधिकांश अधेड़ व बुजुर्ग इससे सरोकार रखे हैं। लेकिन, युवाओं की मांग को भी जायज ठहरा रहे हैं।


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मंत्री की सीट पर रोचक मुकाबला
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नीतीश कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री श्रवण कुमार की विधानसभा सीट नालंदा पर मुकाबला रोचक हो चला है। उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे सभी प्रमुख प्रत्याशी स्वजातीय ही हैं। ऐसे में जो स्वजातीय मतों के ज्यादा हिस्से के अलावा अगड़ों व अतिपिछड़ों का वोट समेट लेगा फतह उसी की होगी। वैसे एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश भी परवान पर हैं। महागठबंधन से कांग्रेस ने यहां से युवा नेता गुंजन पटेल को उतारा है। लोजपा ने रामकेश्वर उर्फ पप्पू को प्रत्याशी बनाया है। 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर कड़ी टक्कर देने वाले कौशलेंद्र उर्फ छोटे मुखिया निर्दल हैसियत में मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों के कारण संघर्ष रोचक और बहुकोणीय होने के आसार हैं। वैसे बीते तीन चुनावों से सीधी लड़ाई होती रही है। जिसमें श्रवण कुमार जीतते आ रहे हैं। यहां त्रिकोणीय संघर्ष कभी नहीं हो सका।
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बीते तीन विधानसभा चुनाव के परिणाम 2005 
श्रवण कुमार (जद यू): 37 हजार 806
रामनरेश सिंह (ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक) : 33 हजार 756
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2010
श्रवण कुमार (जद यू): 58 ह•ार 67
अरुण कुमार (राजद): 37 ह•ार 30
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2015
श्रवण कुमार (जद यू): 72 ह•ार 596
कौशलेंद्र उर्फ छोटे मुखिया (भाजपा): 69 हजार 600
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