प्रशासन की अभेद चक्रव्यूह को नहीं तोड़ सके नक्सली

औरंगाबाद। इस जिले में बुधवार को संपन्न हुए प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव के दौरान जिला व पुलिस प्रशासन ने अभेद चक्रव्यूह को न भाकपा माओवादी के हथियाबंद नक्सली भेद सके और न अपराधी तोड़ सके। यहां तक की चुनाव में गड़बड़ी करने वाले लोग भी घरों में दुबके रहे। नक्सली अपनी मांद से नहीं निकले। चुनाव को लेकर तीन लेयर की सुरक्षा की चक्रव्यूह के अंदर किसी ने कोई अशांति फैलाने की कोशिश नहीं की। तभी तो चुनाव के दौरान एकभी गिरफ्तारी नहीं हुई। शायद यह पहला चुनाव है जिसमें एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई। चुनाव के दौरान गया जिला एवं झारखंड के पलामू जिला के सीमा क्षेत्र जिले के दक्षिणी इलाके के जंगल और पहाड़ पर कोबरा के जवानों ने मोर्चाबंदी कर तैनात रहे। पहाड़ के नीचे मैदानी इलाके में सीआरपीएफ के सुरक्षाबल बाइक से पेट्रोलिग करते रहे। सड़क पर जिस किसी को सुरक्षाबलों के द्वारा देखा गया सड़क पर होने का कारण पूछा गया। वोट देने की बात कहने पर उनका परिचय पत्र देखा गया। सुरक्षाबलों की इस सख्ती को देख मतदाता के अलावा कोई भी अपने घरों से नहीं निकले। चुनाव के दौरान जिले के चारों तरफ की सीमा को सील कर सघन जांच अभियान चलाया गया। हर लोगों की सघन तलाशी की गई। नक्सल इलाके के सभी मतदान केंद्रों पर चुनाव कराने बाहर से पहुंची आधुनिक हथियारों से लैश केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों ने मतदान केंद्र से कुछ दूरी पर ही मतदाताओं को कतार में लगाकर वोट दिलाया। सुरक्षाबल हर पल अलर्ट मोड में रहे। नक्सलियों की आइइडी अथवा बम से निपटने के लिए सीआरपीएफ की बम निरोधक टीम को जहां से बम की सूचना मिलती वहां तुरंत पहुंचकर अपनी कार्रवाई में लग जा रहे थे। भयमुक्त और शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर बिहार एवं झारखंड की पुलिस एवं नक्सल अभियान में लगे सुरक्षाबल समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाया। बताया गया कि प्रथम चरण के नक्सल प्रभावित इस जिले में संपन्न हुए चुनाव पर भारत निर्वाचन आयोग की सीधी नजर टिकी थी।


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