मतदान के बाद अब चर्चा का बाजार गर्म

अरवल। पहले चरण के मतदान समाप्त होते ही कयासों का बाजार गर्म हो गया है। सभी प्रत्याशियों के किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद होने के बाद अपने चहेते नेताओं की जीत हार का आकलन करते थक नही रहे हैं । वहीं कुछ छुटभैया नेताओं का कहना है कि अमुक प्रत्याशियों के अमुक समुदाय के मत आने के कारण प्रमुख प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है, तो वहीं कुछ छुटभैये नेताओं का मानना है कि अमुक राजनीतिक दल के अमुक जाती समुदाय के प्रत्याशी होने के कारण अमुक प्रत्याशी की जीत पक्की है। इस तरह के छुटभैये नेताओं के माथापच्ची करते हुए चाय की दुकानों सहित चौक चौराहों पर अक्सर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं कभी-कभी इन छुटभैये नेताओं के आपसी माथापच्ची होने के कारण आपस में नोकझोंक तक हो जा रही है। लोगों द्वारा छोट भैया नेता को 10 दिसंबर के नाम आने का बात बताते हुए आश्वस्त किया जा रहा है। हालांकि इसे लेकर नौ दिसंबर तक संभावनाएं जताई जाती रहेगी । क्योंकि जब तक मतगणना नहीं हो जाती है और स्पष्ट परिणाम नहीं आ जाते हैं तब तक लोग माथापच्ची करने में भी व्यस्त रहेंगे। यहां तक कि लोग विभिन्न जगहों से दूरभाष पर भी बात कर रहे हैं कि आपके यहां किस पार्टी को मत मिला और कौन पार्टी आपके यहां से निकल रहा है। वहीं कई छोटे-मोटे विशेषज्ञ अपने-अपने पार्टियों के जीत के दावे भी अभी से ही करने लगे हैं ,आखिर देखना यह होगा कि आगामी 10 दिसंबर को किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधता है।


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