नियमों का उल्लंघन करने पर फिर बढ़ सकता है कोरोना

आरा। जिले में इन दिनों कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट जारी है। जिसके कारण एक ओर जहां प्रशासन व स्वास्थ्य समिति के अधिकारी व कर्मियों ने राहत की सांस ली है। वहीं, आम लोग भी चैन से अपने दैनिक कार्यों व दायित्वों के निष्पादन में जुट गए हैं। लेकिन, स्वास्थ्य समिति के अनुसार जिले में फिलहाल कोरोना संक्रमण का प्रसार कम हुआ है। लेकिन, अभी भी इसका खतरा बरकरार है। ऐसे में भोजपुर जिला स्वास्थ्य समिति से जुड़े चिकित्सकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के द्वारा बनाए गए सामान्य नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। स्वास्थ्य समिति के अनुसार अभी भी जिले पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में जब तक कोरोना की दवाई नहीं आ जाती, तब तक किसी प्रकार की ढिलाई लोगों और उनके परिजनों को खतरे में डाल सकते हैं। साथ ही, चिकित्सकों ने सर्दियों के मौसम को देखते हुए लोगों से मास्क का प्रयोग करने की नसिहत दी है। ताकि, लोगों को संक्रमण के खतरे से बचाया जा सके।


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धूल व मिट्टी के कारण मजदूरों के मास्क हो जाते हैं गंदे :
जगदीशपुर प्रखंड के कौरा पंचायत के स्थानीय ग्राम निवासी विक्की कुमार सिंह पेशे से ईंट भट्टा संचालक हैं। उन्होंने बताया जिला प्रशासन के निर्देश के बाद कोरोना काल में उन्होंने संक्रमण के खतरे को देखते हुए ईंटों का निर्माण बंद कर दिया था। अनलॉक के बाद फिर से भट्टे का संचालन शुरू किया गया। इस दौरान ईंट-भट्टे पर मजदूरों से स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस का पालन भी कराना शुरू किया। उन्होंने बताया कि नियमों के पालन करने के दौरान मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गाइडलाइन्स के अनुसार समय समय पर हाथ धोना मजदूरों के लिए मुमकिन नहीं है। वहीं, भट्टे पर धूल-मिट्टी उड़ने के कारण मास्क भी जल्दी गंदे हो जाते हैं। जो उनके लिए परेशानी का सबब तो बन ही गया है, वहीं उनके बीमार होने की संभावना रहती है।
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नियमों का पालन करना बेहद जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कोविड-19 को लेकर जो स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल बनाया गया है, उसका पालन सभी को करना है। ईंट भट्टा संचालक विक्की कुमार सिंह ने जो मजदूरों की समस्याएं बताई हैं, वह सही है। मजदूरों को पूरे दिन मिट्टी व धूल में काम करना होता है। लेकिन वह जब खाना खाने आराम करने के लिए समय निकालते हैं, तो उन्हें साबुन से अच्छे से हाथ धोना चाहिए। वहीं गंदे मास्क की जो समस्या है, उसे भी दूर किया जा सकता है। धूल के कारण गंदे हुए मास्क से मजदूरों को सांस की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस लिए वह मास्क के साथ फेसमास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें एक से अधिक मास्क रखना होगा। ताकि, गंदे होने पर उसे बदला जा सके। साथ ही, ईंट-भट्टों के संचालकों को शारीरिक दूरी का पालन भी कराना सुनिश्चित करना होगा।
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ईंट-भट्टों के मजदूरों को इन नियमों का करना होगा पालन :
- बिना मास्क के काम न करें
- गंदे होने पर मास्क को तत्काल बदले
- शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी) का सख्ती से पालन करें
- खाने से पहले और काम खत्म करने के बाद साबुन से अच्छा से हाथ धोएं
- जब तक जरूरी न हो, बाहरी लोगों के संपर्क में न आए
- सर्दी के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ताजा व गर्म भोजन करें
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