जमुआंव स्वास्थ उपकेंद्र को इलाज की जरूरत

आरा। पीरो प्रखंड के जमुआंव गांव में स्थापित सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र विभागीय उपेक्षा का शिकार होकर अपनी बदहाल बना है । जमुआंव पंचायत की लगभग 10 हजार आबादी को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित इस स्वास्थ्य उप केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि कोरोना महामारी के इस दौर में भी चिकित्सक व दूसरे स्वास्थ्य कर्मी यहां झांकने तक नहीं आते हैं। लंबे अर्से से केंद्र का ताला नहीं खुला है। ऐसे में अस्पताल का भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया है । भवन के आसपास झाड़ियां उग आई हैं। जब डॉक्टर और नर्से नहीं आती तब यहां दवा, रूई- सूई सहित अन्य चिकित्सा सुविधा की चर्चा ही बेमानी जान पड़ती है । लावारिस हालत में पडे स्वास्थ्य केन्द्र के भवन में लोग अब अपनी मवेशियों को बांधने लगे हैं। इतना ही नहीं अस्पताल के आसपास की भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर लिया है । जमुआंव गांव निवासी एंकर व फिल्म अभिनेता रवि रंजन कहते हैं कि यहां स्वास्थ्य सेवा की बदहाली के लिए प्रशासनिक लापरवाही मुख्य वजह है । प्राइमरी स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त करना होगा ताकि गरीब तबके के लोगों को नि:श्शुल्क सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके ।

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विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित स्वास्थ्य केन्द्रों की उपेक्षा की जा रही है। अगर ऐसी हालत रही तो यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र अपना अस्तित्व खो बैठेगा। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि पहले यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र अपने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मशहूर था । यहां डॉक्टर रहते थे और लोगों का इलाज करते थे। इसी गांव के पूर्व विधायक शिवपूजन राय जिन्होंने सहार विधानसभा का तीन बार प्रतिनिधित्व किया था, उन्हीं के भाई काशीनाथ मुखिया ने इसका निर्माण करवाया था। अब इस भवन की हालत जर्जर हो चुकी है। यह सरकारी स्वास्थ्य उप केंद्र अपना अस्तित्व खोते जा रहा है ।
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