लोकतंत्र के आंगन में चुनावी महापर्व में शिरकत कर आइए रचें इतिहास

रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर :

लोकतंत्र की जननी एवं गणतंत्र की आदि भूमि वैशाली ने दुनिया को एक ऐसी व्यवस्था दी है जिसमें जनता को सर्वोपरी स्थान दिया गया है। जनता के हाथों में शासन एवं सत्ता को अपनी स्वेच्छा से चुनने की बेमिसाल ताकत दी गई है। आज दुनिया के लोग भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की दुहाई देते हैं। गौरवशाली अतीत के बीच आज दुखद त्रासदी यह है कि मतदाता पिछले चार चुनावों से अपनी इस असीम ताकत का इस्तेमाल करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह गंभीर चिता का विषय है। हालात ने पूरे सिस्टम को चितित किया है। भारत निर्वाचन आयोग खुद इस दिशा में आगे आया है। चुनाव में अलग से कोषांग का गठन कर मतदाताओं को जागरूक करने की निरंतर कोशिश की गई है। सामाजिक स्तर भी प्रयास शुरू हुआ है। सामूहिक कोशिश की गई कि कैसे लोकतंत्र की मजबूती को बनाए रखने के लिए मतदान के प्रतिशत को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। आज आप सबके पास मौका है, अपने अतीत के गौरवशाली रिकार्ड को तोड़ने का। इस धरती के लोगों ने कई चुनावों में रिकार्ड बनाकर इतिहास रचा है। तो आइए, हम सब मिलकर इस बार वैशाली जिले में मंगलवार को छह विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान में सारे रिकार्ड को तोड़ दें और फिर एक बार देश-दुनिया को यह बता दें कि आज भी हमारा लोकतंत्र उतना ही मजबूत है। हालांकि इस दौरान हमें कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखकर पूरी सावधानी भी बरतनी है और मास्क का प्रयोग करते हुए दो गज दूरी के निर्देशों का भी पालन करना है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आलोक में मतदान केंद्रों पर भी आवश्यक प्रशासनिक इंतजाम किए गए हैं। जिले में पिछले चार टर्म के चुनाव ने बढ़ा दी है सभी की चिता वैशाली जिले में पिछले चार विधानसभा चुनाव में मतदान में गिरावट ने सभी की चिता बढ़ा दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो विधानसभा के 2005 के फरवरी एवं अक्टूबर माह में हुए चुनाव में मतदान के प्रतिशत में रिकार्ड गिरावट आई। इस गिरावट के बाद व्यापक स्तर पर यह प्रयास शुरू किया गया कि कैसे मतदान के प्रतिशत को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। चुनाव में आयोग के निर्देश पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके बाद हुए चुनाव में इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया हालांकि अब भी इसे काफी अच्छा नहीं कहा जाएगा। इसे और बढ़ाने की जरूरत है। लोकतंत्र के आंगन का अतीत रहा है काफी बुलंद लोकतंत्र के आंगन में पहले काफी उत्साह के साथ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते थे। यह मैं नहीं कह रहा, बल्कि चुनावों के मत प्रतिशत कह रहे हैं। 1952 से लेकर कई चुनावों में यहां रिकार्ड मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। काफी पीछे के चुनावों की बात अगर छोड़ भी दें तो वर्ष 2000 के चुनाव में रिकॉर्ड मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मंगलवार को जिले के जिन छह विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है उनमें 2000 के चुनाव के मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो तब लोगों ने काफी उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। औसत 70 प्रतिशत मतदाताओं ने उस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। मंगलवार को यहां होने वाले मतदान में फिर एक बार गौरवशाली अतीत को याद करते हुए पूरे उत्साह के साथ मतदान करना है ताकि देश-दुनिया के लोग यह कह सकें कि सही माने में आज भी वैशाली की लोकतांत्रिक व्यवस्था उतनी ही मजबूत है। स्वीप कोषांग व सामाजिक संगठनों ने मतदाता जागरूकता को की पूरी कोशिश भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में मतदान के प्रतिशत को अधिक से अधिक बढ़ाने को लेकर स्वीप कोषांग ने पूरे जिले में मतदाताओं को जागरूक करने को लेकर लगातार अभियान चलाया। लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लोगों से अपील की की। स्लोगनों के माध्यम से लोगों को वोट का महत्व बताया गया। वैशाली के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी उदिता सिंह ने खुद इस अभियान की लगातार मॉनिटरिग की। मतदाताओं से लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की। वहीं, विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भी लगातार मतदाताओं को जागरूक करने का काम किया। हाजीपुर में पांच विधानसभा चुनाव में पड़े वोट

वर्ष वोट प्रतिशत 2000 72
2005 फरवरी 50
2005 अक्टूबर 47
2010 56
2015 57
महनार में पांच विधानसभा चुनाव में पड़े वोट वर्ष वोट प्रतिशत
2000 76
2005 फरवरी 47
2005 अक्टूबर 47
2010 53
2015 54
वैशाली में पांच विधानसभा चुनाव में पड़े वोट वर्ष वोट प्रतिशत
2000 70
2005 फरवरी 44
2005 अक्टूबर 47
2010 55
2015 56
राघोपुर में पांच विधानसभा चुनाव में पड़े वोट वर्ष वोट प्रतिशत
2000 74
2005 फरवरी 44
2005 अक्टूबर 39
2010 50
2015 58
लालगंज में पांच विधानसभा चुनाव में पड़े वोट वर्ष वोट प्रतिशत
2000 76
2005 फरवरी 49
2005 अक्टूबर 47
2010 56
2015 56
राजापाकर में दो विधानसभा चुनाव में पड़े वोट वर्ष वोट प्रतिशत 2010 55
2015 50


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