आवास योजना की दूसरी किश्त देने में लापरवाही

शेखपुरा। चुनावी प्रक्रिया के बाद जिला प्रशासन अब विकास कार्यों को गति देने के प्रयास में जुट गया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की संचिका पर पड़े धूल-गर्दे को साफ किया जाने लगा है। इस योजना की मंद पड़ी गति को भी तेज करने का काम शुरू कर दिया गया है। लंबे समय से धीमी पड़ी आवास योजना को गति देने के लिए जिले के सभी बीडीओ को कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है। बीडीओ के खिलाफ यह कार्रवाई योजना के लाभुकों को आवास योजना की राशि देने में शिथिलता बरतने को लेकर की जा रही है। डीडीसी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया लाभुकों को योजना की दूसरी किश्त देने में बीडीओ रूचि नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह से आवास निर्माण का काम ठप पड़ा है। यह मामला साल 2019-2020 का ही है। डीडीसी ने बताया 2019-2020 में जिले को आवास योजना से 3240 का लक्ष्य मिला था। इसमें 3051 लाभुकों को पहली किश्त के रूप में प्रति लाभुक 40 हजार रुपये उपलब्ध करा दिया गया था। योजना में अब हर लाभूक को एक लाख 20 हजार रुपये आवास निर्माण के लिए दिया जाता है। बताया गया पहली किश्त देने के बाद बीडीओ दूसरी किश्त की राशि जारी नहीं कर रहे हैं। इससे लाभुकों के अपने घर का सपना साकार नहीं हो रहा है। इसी शिथिलता को लेकर सभी बीडीओ को नोटिस भेजा जा रहा है।

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आवास नहीं बनाने वाले 215 लाभुकों पर केस की तैयारी
आवास योजना के 215 लाभुकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई वैसे लाभुकों के खिलाफ शुरू की गई है,जो सरकार से पैसा लेकर आवास नहीं बनाया है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकारी राशि के गबन का केश किया जायेगा। साथ ही ऐसे लाभूकों से दी गई राशि वापस भी ली जायेगी। बताया गया यह मामला साल 2016-2017 तथा 2017-2018 का है। इसमें 217 ऐसे लाभुकों को चिहित किया गया है, जो आवास योजना की पहली यह दूसरी किश्त लेकर उससे आवास बनाने के बजाय उस राशि का इस्तेमाल किसी दूसरे कार्य में कर लिया है। इसमें कई लाभुक तो ऐसे हैं, जो सरकार का रुपये लेकर एक ईंट तक नहीं लगाया है। बताया गया हर प्रखंड में टीम बनाकर ऐसे लाभुकों की पहचान की गई है। अब इन लाभुकों पर पहले नोटिस दिया जा रहा है। नोटिस में काम करने के लिए एक महीने का समय दिया जा रहा है। एक महीने के भीतर काम नहीं करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ सरकारी राशि वापस लेने की कार्रवाई शुरू की जायेगी।
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नहीं मिला है नया टारगेट : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का नया टारगेट अभी तक जिले को नहीं मिला है। चालू वित्त वर्ष 202-2012 का अब केवल चार महीना बाकी है। ऐसे में अभी तक टारगेट नहीं मिलने की वजह से जिले के सैकड़ों बेघरों का सपना टूट रहा है। अब इसमें सरकार पर दोष मढ़ें यह फिर निचले स्तर पर अधिकारियों की कार्यशैली को कटघरे में खड़े करें। हाल यह है कि पिछले वित्त वर्ष 2019-2020 का टारगेट ही अभी तक पूरा करने में प्रशासन नाकाम रहा है। ऐसे में चालू वित्तीय साल का नया टारगेट प्रशासन के कंधे पर बोझ बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। फिलहाल इस स्थिति में नुकसान उन लोगों का हो रहा है, जो अपने पक्के घर का सपना देख रहे हैं।
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