शिवहर में पुरुषों के मुकाबले 3.6 फीसद अधिक महिलाओं ने किया मतदान

शिवहर। विधान सभा चुनाव के तहत मतदान में शिवहर की महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। शिवहर में पुरुषों के मुकाबले 3.6 फीसद अधिक महिलाओं ने मतदान किया है।वर्ष 2010 व 2015 के विधानसभा चुनावों में ही आधी आबादी ने मतदान में पुरुषों को पीछे छोड़ा था। हालांकि, भले ही आधी आबादी ने संपन्न मतदान में पुरुषों की अपेक्षा अधिक मतदान किया है। लेकिन वर्ष 2010 व 2015 की अपेक्षा मतदान के अंतर में कमी आई है। संपन्न चुनाव में पुरुषों की अपेक्षा 3.6 फीसद अधिक महिलाओं ने मत डाले। जबकि, 2010 के चुनाव में पुरुषों की अपेक्षा 7.6 फीसद व 2015 में 12 फीसद अधिक महिलाओं ने मतदान किया था।


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पुरुषों की अपेक्षा 5,986 अधिक महिलाओं ने मतदान किया
शिवहर : इसबार 160464 पुरुष, 142458 महिला व थर्ड जेंडर के 16 समेत कुल 302938 मतदाताओं में से 82394 पुरुष व 88380 महिला समेत कुल 170774 मतदाताओं ने मतदान किया हैं। यानि पुरुषों की अपेक्षा 5,986 अधिक महिलाओं ने मतदान किया। इनमें महिलाओं का फीसद 51.8 व पुरुषों का फीसद 48.2 रहा। मतदान का कुल फीसद 57 रहा। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2010 में मतदान का प्रतिशत 51.9 फीसद रहा। इनमें पुरुषों की भागीदारी 44 फीसद और महिलाओं की भागीदारी 56 फीसद रही। वहीं वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में 61.4 फीसद महिला वोटरों ने मतदान किया। जबकि पुरुष वोटर का प्रतिशत 48.6 रहा। 2015 के चुनाव में कुल 54.8 फीसद मतदान हुआ। कुल 1,46,080 पुरुष, 1,27,439 महिला व 11 थर्ड जेंडर तथा 201 सर्विस वोटर समेत कुल 2,73,731 मतदाताओं में से 71255 पुरुष, 78,618 महिला व 215 पोस्टल समेत 15088 मतदाताओं ने वोट किया था। इनमें 2.92 फीसद यानि 4382 लोगों ने नोटा दबाया था। कुल वैद्य मत 149873 के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित किया गया था। वर्ष 2010 के चुनाव में कुल 239838 मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 106332 व पुरुष मतदाताओं की संख्या 124356 थी। सर्विस वोटरों की संख्या 148 थी। इनमें 60255 पुरुष, 59644 महिला और 74 पोस्टल मत समेत कुल 119973 ने मतदान किया था। इनमें 35 मत रद हो गया था। 119938 मत वैद्य पाया गया था।
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महिलाओं का 3.6 फीसद वोट तय करेगा जीत और हार
शिवहर : पिछले तीन चुनावों से महिलाओं का वोट जीत और हार तय करता रहा है। इस बार भी महिलाओं का वोट चुनाव परिणाम का टर्निंग पाइंट बनेगा। राजीनीति के जानकारों की माने तो वर्ष 2010 के चुनाव से महिलाएं वोट के प्रति जागरूक हुई है। यहीं वजह है कि मतदान के लिए घर से निकल रही है। पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी महिलाओं की वोटिग का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा है। अब देखना यह होगा कि महिलाओं का वोट किसके पक्ष में गया है। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे जदयू प्रत्याशी मो. शरफुद्दीन का कहना हैं कि महिलाओं का वोट सीएम नीतीश कुमार के नाम पर ही गया है। वजह सीएम के शासनकाल में ही महिलाओं को मान-सम्मान और रोजगार मिला है। महिलाओं के कहने पर ही सीएम ने शराबबंदी शुरू की।
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