मंगल किनके लिए मंगलकारी, सभी प्रत्याशियों की बढ़ी बेकरारी, करवटें बदलकर सारी रात गुजारी

सीतामढ़ी। मंगलवार को ईवीएम का पिटारा खुलने वाला है। इसके साथ ही तय हो जाएगी प्रत्याशियों की हार-जीत। उनके दावे और भरोसे का इम्तिहान है। नए प्रत्याशियों पर कितना भरोसा मतदाता कर पाए हैं, आधी आबादी को उनको पूरा हक मिल पाता है कि नहीं सोमवार को चर्चा में दिनभर बहस इस बात पर भी छिड़ी रही। मतगणना से पूर्व की रात कुछ ऐसी ही उधेड़ बुन और सोच में प्रत्याशियों की नींद उड़ी रही। करवटें बदलकर रात गुजारी। जीत-हार के लिए उनकी यहीं रात अंतिम यहीं रात भारी। बस इक रात की रही कहानी सारी। एग्जिट पोल के आंकलन को देखते हुए एनडीए-महागठबंधन में महामुकाबले का रुझान वोटों की गिनती आरंभ होने के साथ ही मिलने लगेंगे। जगत जननी माता जानकी की भूमि पर चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के दावों और वोटरों के मन-मिजाज की हकीकत बयां कर देंगे। वैसे राजनीति व ज्योषि के जानकारों को 2015 के नतीजे दोहराने का भरोसा कम ही है। तब रीगा से कांग्रेस के टिकट पर अमित कुमार टुन्ना ने भाजपा के मोतीलाल प्रसाद को शिकस्त दी। बथनाहा से भाजपा के दिनकर राम, परिहार से भाजपा की गायत्री देवी, बाजपट्टी व बेलसंड से जदयू की क्रमश: डॉ. रंजू गीता व संगीता सिंह चौहान, सीतामढ़ी सीट से राजद के सुनील कुमार तो रुन्नीसैदपुर से मंगीता देवी व सुरसंड से सैयद अबू दोजाना ने बाजी मारी। वहीं इतिहास फिर दोहराएगा या नए राजनीतिक परि²श्य में नए चेहरे बाजी पलटने में कामयाब होंगे यह बड़ा सवाल है।


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एग्जिट पोल के नतीजे सही या हवा-हवाई
सभी की नजरें मतगणना पर टिकी हैं। एक्जिट पोल ने भी सरगर्मी बढ़ा दी है। इससे मायूसी के साथ उत्साह भी है। मगर, अभी सभी उम्मीदवार सधी हुई बातें कर रहे। न कोई तेजी है, न ही आपाधापी। मिठाई से लेकर फूल तक के ऑर्डर को लेकर भी सतर्कता बरत रहे हैं। लड्डू के ऑर्डर तो दिए जा रहे। मगर, यह भी कहा जा रहा कि पहले कुछ रुझान देख लिया जाएगा। तभी मिठाई बनाई जाए। वैसे तो एग्जिट पोल के नतीजे सबको चौंका रहे हैं मगर लोग उसपर कम ही भरोसा कर पाए हैं। बैलेट नाऊ नामक इंटरनेट सर्वे व वोटिग वेबसाइट एजेंसी के लोगों ने सीतामढ़ी जिले में सर्वे का काम शुरू किया तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। लिहाजा, दो विधानसभा क्षेत्र का ही सर्वे कर पाए। उस एजेंसी ने भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले सीतामढ़ी व परिहार में भी सर्वे के आधार का हवाला देकर दोनों ही जगह राजद को बढ़त दिखाई है। सीतामढ़ी में राजद 47, भाजपा 44 और अन्य दल को मिलाकर 9 फीसद पर ही सिमटा दिया है। उसी तरह परिहार में राजद को 52 फीसद, भाजपा को 35 फीसद तो अन्य को 13 फीसद आंका है। इन दोनों क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरी का सवाल भी अहम मुद्दा बताया है। ---------------------------------. भगवान के दर्शन के बाद मतगणना स्थल पर जाने का फैसला आठों सीटों पर कुल 121 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज होने वाला है। अगर मुकाबला एनडीए-महागठबंधन में माना जा रहा है तो उसके हिसाब से राजद छह सीटों-सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, बाजपट्टी, सुरसंड, बेलसंड, परिहार में और उसकी सहयोगी कांग्रेस दो सीटों पर रीगा व बथनाहा में चुनाव लड़ रही है। उधर, भाजपा चार सीटों पर जिनमें सीतामढ़ी, परिहार, रीगा व बथनाहा तो जदयू बेलसंड, बाजपट्टी, रुन्नीसैदपुर व सुरसंड जबकि, लोजपा सुरसंड, बेलसंड, रुन्नीसैदपुर व बाजपट्टी में किस्मत आजमा रही है। मतगणना केंद्र पर जाने से पूर्व प्रत्याशियों ने सबसे पहले अपने अराध्य देव का दर्शन और पूजा-अर्चना करके ही घरों से निकलेंगे। दिग्गजों के साथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। पहली बार चुनाव लड़ने वाले राजद से रितू कुमार उर्फ रितू जायसवाल परिहार, सुरसंड में जदयू से दिलीप राय, रीगा में बसपा से मुन्नी बबन सिंह, बाजपट्टी में राजद से मुकेश कुमार यादव, बथनाहा में भाजपा से अनिल कुमार राम, बाजपट्टी में लोजपा से इंतेखाब आलम, बेलसंड में रालोसपा से ठाकुर धर्मेंद्र सिंह, सीतामढ़ी से भाजपा से मिथिलेश कुमार हैं।
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