औरंगाबाद जिला से एनडीए का सूपड़ा साफ

औरंगाबाद। औरंगाबाद जिला के सभी 6 सीटों से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का सूपड़ा साफ हो गया है। सभी सीटें महागठबंधन की झोली में चली गई है। चार सीटें राजद की झोली में गई। गोह से भीम सिंह, ओबरा से ऋषि सिंह, नवीनगर से विजय कुमार सिंह उ़र्फ डब्लू सिंह एवं रफीगंज से मो.नेहालुद्दीन चुनाव जीतने में कामयाब रहे। कुटुंबा (सुरक्षित) से कांग्रेस के राजेश राम और औरंगाबाद से आनंद शंकर जीतने में कामयाब रहे। एनडीए की हालत यह रही कि दो विधानसभा क्षेत्र ओबरा और रफीगंज में वह मुकाबले से भी बाहर चली गई।

भाजपा औरंगाबाद और गोह में दूसरे स्थान पर रही। नवीनगर में जदयू दूसरे नंबर पर रही। ओबरा में जदयू तीसरे स्थान पर चली गई। ओबरा में लोजपा प्रत्याशी मुकाबले में रहे। कुटुंबा में हम और रफीगंज में निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबले में रहे। रफीगंज में भी राजग की हालत इतनी पतली हुई कि वह तीसरे स्थान पर खिसक कर चली गई, जबकि यहां से सिटिग विधायक थे। परिणाम की वजह वोटों में बिखराव

मोटे तौर पर यह माना जा रहा है कि औरंगाबाद जिला के सभी 6 सीटें महागठबंधन के खाते में चले जाने की मुख्य वजह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मतों का बिखराव है। इस बिखराव की एक बड़ी वजह आपसी खींचतान और व्यक्तिगत स्वार्थ की राजनीति मानी जा रही है। राजद का वोट बैंक पूरी तरह एकजुट रहा, और यह पहले दिन से ही दिख रहा था। वहीं एनडीए के आधार वोटों में बिखराव और आपसी खींचतान काफी दिख रहा था। गोह विधानसभा क्षेत्र में जदयू से विधायक रहे रणविजय कुमार रालोसपा से उम्मीदवार बन गए, और यहां से भाजपा के सिटिग विधायक मनोज कुमार सिंह हार गए। भाजपा और रालोसपा दोनों का अगर वोट जोड़ दें तो इनके मुकाबले राजद कहीं नहीं टिकती। राजद के भीम सिंह की जीत में यह फैक्टर माना जा रहा है। ओबरा में जदयू के प्रत्याशी सुनील कुमार बारुण से आए और इस कारण एनडीए का आधार वोटर खिसक कर तुरंत नामांकन के दिन से ही लोजपा के स्थानीय प्रत्याशी डॉ. प्रकाश चंद्रा के पाले में खड़े हो गया। नतीजा अंत तक अपने पाले में वोटरों को समेटे रखने में काफी हद तक वे सफल रहे। यहां भी अगर प्रकाश चंद्र एवं जदयू का वोट जोड़ दें तो राजद के मुकाबले अधिक वोट है। यहां भी राजद से ऋषि कुमार के जीतने की प्रमुख वजह यह विखराव ही माना जा रहा है। नवीनगर विधानसभा क्षेत्र में राजद से डब्ल्यू सिंह जीत गए। उनको जितना वोट आया है उससे अधिक वोट जदयू के विधायक विरेंद्र कुमार सिंह एवं एकदम युवा रालोसपा के धर्मेंद्र कुमार को मिले मत का योग है। यहां भी यही माना जा रहा है कि राजद के पाले में जीत आपसी खींचतान के कारण गई है। कुटुंबा सुरक्षित क्षेत्र में कांग्रेस के राजेश कुमार चुनाव जीतने में कामयाब रहे, लेकिन यहां भी हम के प्रत्याशी श्रवण भुईयां एवं निर्दलीय पूर्व विधायक रहे ललन राम को मिला मत, अगर जोड़ दें तो कांग्रेस की हार हो जाती है। औरंगाबाद में मामूली अंतर से भाजपा के तीन बार विधायक व एक बार सरकार में मंत्री रहे रामाधार सिंह हार गए। सिटिग विधायक कांग्रेस के आनंद शंकर जीतने में कामयाब रहे। औरंगाबाद सीट पर शुरू से कहा जा रहा है कि रामाधार सिंह को हराने के काम में भाजपा एवं एनडीए के लोग ही लगे हुए हैं। जो कहा जा रहा था आरोप के तौर पर, परिणाम ने लगभग उसकी पुष्टि कर दी है। रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में सिटिग विधायक अशोक कुमार सिंह जदयू से प्रत्याशी थे। यहां निर्दलीय प्रमोद कुमार सिंह को उनसे करीब तीन गुना वोट मिला है। राजद से मो. निहालुद्दीन फिर विधायक बनने में कामयाब रहे। यहां मिला मत बताता है कि सिटिग विधायक से नाराजगी किस हद तक थी। 2015 के चुनाव में यूं था परिणाम
वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा से जदयू टूट कर अलग हो गई थी। राजद के साथ जदयू था जबकि भाजपा के साथ रालोसपा एवं अन्य। तब जदयू एवं कांग्रेस को दो-दो, राजद और भाजपा को एक-एक जीत नसीब हुई थी। रफीगंज से अशोक कुमार सिंह एवं नवीनगर से वीरेंद्र कुमार सिंह जदयू के टिकट पर जीते थे। औरंगाबाद से आनंद शंकर सिंह एवं सुरक्षित सीट कुटुंबा से राजेश कुमार इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। ओबरा से राजद के वीरेंद्र कुमार सिन्हा एवं गोह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के मनोज कुमार चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
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