शाहाबाद में महागठबंधन का समीकरण एनडीए पर सुनामी बनकर बरपा

भोजपुर । राजग गठबंधन के एक कद्दावर नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रथम चरण में महागठबंधन का सुनामी था। आरा व बड़हरा की सीट पर जीत हुई है। महागठबंधन का समीकरण सुनामी बनकर एनडीएम प्रत्याशियों पर बरपा। राजद व जदयू दोनों को पिछड़े व अति पिछड़ी तबके के मतदाताओं पर भरोसा था। वहीं भाजपा को अपने परंपरागत वोट बैंक पर। लेकिन लोजपा ने राजग के खेल को बिगाड़ दिया। हर जगह बागी प्रत्याशियों को खड़ा करके लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाया। इसका सीधा फायदा महागठबंधन को मिला। प्रत्याशियों के चयन में राजद ने लोगों का मिजाज का काफी ध्यान रखा। राजद ने शाहबाद जोन में एक मात्र रामगढ़ में राजपूत प्रत्याशी उतारा। शेष विधानसभा में पिछड़े व अतिपिछड़ी जातियों को उतारा। हालांकि कांग्रेस ने करगहर में ब्राह्माण प्रत्याशी को उतारा था। जिसकी जीत भी हुई। राजद ने डेहरी में भी मुस्लिम प्रत्याशी की जगह पिछड़ी जाती को उतारा। जिसका उसे लाभ भी मिला। शाहबाद जोन की 22 सीट में 19 पर महागठबंधन ने परचम लहराया। सामाजिक समीकरण के कारण एनडीए का बक्सर, रोहतास व कैमूर जिले में खाता तक नहीं खुला। भोजपुर जिले के सात विधानसभा में आरा व बड़हरा बाल-बाल बचा। कैमूर में एक मात्र चैनपुर सीट पर बसपा को जीत मिली। लोजपा के प्रत्याशी को एनडीए से अलग होने से महागठबंधन के लिए सोने पर सुहागा साबित हुआ। जहां लोजपा के प्रत्याशी जोर लगाये, वहां-वहां महागठबंधन के प्रत्याशी भारी मतों से जीत मिली। तरारी में भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद भाजपा प्रत्याशी कौशल कुमार विद्यार्थी व लोजपा से बागी बनकर निर्दलीय प्रत्याशी बने सुनील पांडेय के बीच जीत का सफर आसान बना दिया। शाहाबाद जोन में जदयू 11 विधान सभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारा और सभी जगह उसकी हार हुई। डेहरी-ओन-सोन सीट पर राजद के प्रत्याशी फतेह बहादुर ने भाजपा प्रत्याशी सत्यनारायण से मात्र 81 मतों से जीते। भोजपुर जिले में जदयू को अगिआंव में जदयू प्रत्याशी को भाकपा माले के मनोज मंजिल ने 48 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी। डुमरांव व अगिआंव में दूसरे स्थान पर रहते हुए 20 हजार से अधिक मतों से हारे। वहीं संदेश में राजद के किरण देवी को 51 हजार से शानदार जीत हासिल हुई। दिनारा में जदयू प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर रहे। महागठबंधन में शाहबाद में भाकपा माले का समर्थन काफी फायदे में रहा। माले को जहां अपनी खोई सीटें मिलीं। वहीं डुमरांव व अगिआंव में पहली बार सफलता मिली। शाहाबाद में भाकपा माले पांच सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें एकमात्र आरा सीट बहुत कम अंतर से हारी। अगिआंव में लोजपा प्रत्याशी के कारण भाकपा माले के मनोज मंजिल को कामयाबी मिली।


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