क्या आपके शरीर से आती है मछली जैसी बदबू?

फिश ओडर सिंड्रोम (Fish Odour Syndrome) एक दुर्लभ आनुवांशिक (Gentics) रोग है जिसे ट्राइमेथिलमिनुरिया ( Trimethylaminuria) भी बोला जाता है। इससे पीड़ित आदमी के पसीने, सांस, यूरिन और प्रजनन तरल पदार्थ से सड़ी मछली (Rotten Fish) जैसी दुर्गंध आती है। यह रोग जन्म के कुछ समय बाद ही अपने लक्षण दिखाना प्रारम्भ कर देती है । इस रोग में आदमी को किसी के सामने जाने और उसके साथ उठने-बैठने में बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है । यह रोग तनाव (Stress) का बड़ा कारण भी बनती है । यह रोग स्त्रियों (Women) में अधिक पाई जाती है । आइए जानते हैं इसके लक्षण और कारण के बारे में । साथ ही जानेंगे क्या है इसके रोकथाम के उपाय । लक्षण फिश ओडर सिंड्रोम के कोई खास लक्षण तो नहीं हैं । इससे पीड़ित आदमी भी सामान्य लोगों की तरह ही जीवन जीता है । सड़ी दुर्गंध आना आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि इस रोग का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि इसमें आदमी से सड़ी मछली जैसी सहन न करने वाली बदबू आती है । यह गंध नियमित रूप से या समय-समय पर भी आ सकती है । बहुत ज़्यादा पसीना आना भी इसका लक्षण है । इसकी तेज गंध सांस, पसीना, मूत्र, मासिक धर्म रक्त और योनि द्रव को प्रभावित करती है । इन पदार्थों को अधिक मात्रा में खाना कुछ खाद्य पदार्थ जैसे अंडा, मछली और डेयरी उत्पादों का आवश्यकता से अधिक सेवन करना भी इसके लक्षणों में आता है । ओरल गर्भनिरोधक का प्रयोग करना और शारीरिक और भावानात्मक तनाव इसके लक्षण हैं । बता दें कि यूरिन और जैनेटिक टेस्ट से इस रोग का पता लगाया जा सकता है । फिश ओडर सिंड्रोम का कारण यह सिंड्रोम एक मोटाबोलिक (Metabolic) विकार माना जाता है जो कि एफएमओ 3 (FMO3) जीन में परिवर्तन की वजह भी हो सकता है । एफएमओ3 जीन शरीर को उन एंजाइम का स्राव करने के लिए कहता है जो ट्राइमिथेलाइन और नाइट्रोजन जैसे कंपाउंड को अलग करने का कार्य करता है । इन कंपाउंड का रूप फिश और पारदर्शी, ज्वलनशील और हाइग्रोस्कोपिक जैसा होता है । शरीर में इन कंपाउंड के उपस्थित होने की वजह से सड़ी मछली जैसी दुर्गंध आने लगती है । इस रोग में गंध किसी में तेज तो किसी में कम आती है । तेज गंध आने का कारण अत्यधिक एक्सरसाइज, तनाव और अधिक भावनात्मक होना है । स्त्रियों के लिए मासिक धर्म और मेनोपॉज के दिनों में इसकी समस्या अधिक बढ़ जाती है । वहीं, गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली स्त्रियों के लिए यह कठिनाई का सबब बन जाता है । गंध को दूर करने के लिए ध्यान देने वाली बातें जो लोग इस समस्या से परेशान है उनके लिए महत्वपूर्ण है कि वे दाल, बींस, लाल मांस, अंडा और मछली का सेवन करने से बचें क्योंकि इनमें ट्राइमिथइलामाइन, नाट्रोजन, कोलीन, लेसिथिन, सल्फर और सारनिटाइन होता है जिसके कारण शरीर से सड़ी दुर्गंध आने लगती है । एंटीपर्सपिरेंट्स का प्रयोग करें । अपने कपड़े बार-बार बदलें और धोएं । अत्यधिक पसीने को रोकने के लिए अधिक अभ्यास से बचें । स्वयं पर तनाव को हावी न होने दें । अपनी स्कीन को थोड़े अम्लीय साबुन या बॉडी वॉश से धोएं । जिस साबुन में पीएच का स्‍तर 5.5 और 6.5 हो वही इस्‍तेमाल करें ।


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