अंडा खाते वक्त भूलकर भी न करें ये गलतियाँ, सेहत पर होगा बुरा असर

हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे शुक्रवार को वर्ल्ड एग डे मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद लोगों को अंडे के पोषक तत्वों के प्रति जागरूक करना है । हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे शुक्रवार को वर्ल्ड एग डे मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद लोगों को अंडे के पोषक तत्वों के प्रति जागरूक करना है. अंडे में प्रोटीन, विटामिन के अलावा कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. इसलिए डॉक्टर्स भी हर दिन कम से कम एक अंडा खाने की सलाह जरूर देते हैं ।

कई लोग अंडे को कच्चा खाते हैं तो कुछ लोग अंडे को फ्राई, पोच्ड, बेक, माइक्रोवेव या फिर मसालों में पकाकर भी खाते हैं. अंडे खाने के और भी कई तरीके हैं लेकिन ये सभी तरीके सेहतमंद नहीं होते हैं. आइए जानते हैं कि अंडा बनाने का कौन सा तरीका सबसे सही है और क्यों ।
अंडे को पकाकर खाना- अंडे को अच्छे से पकाकर खाना सबसे सुरक्षित माना जाता है. इस तरह से पकाया गया अंडा आसानी से पच जाता है. स्टडी के मुताबिक कच्चे अंडे में 51 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है जबकि पकाए हुए अंडे में 91 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है. तापमान की वजह से प्रोटीन में कई तरह के संरचनात्मक बदलाव आ जाते हैं ।
कच्चे अंडे में प्रोटीन अलग-अलग हिस्सों में होता है और इनकी बनावट ऐसी होती है कि ये आपस में मिल नहीं पाते हैं. वहीं जब अंडे को तापमान पर पकाया जाता है तो प्रोटीन की ये अलग-थलग बनावट टूट जाती है और ये सारे प्रोटीन एक साथ मिल जाते हैं. अंडे के इस प्रोटीन को शरीर के लिए पचाना आसान होता है ।
अंडा बायोटिन का बहुत अच्छा स्रोत है. बायोटिन एक ऐसा पोषक तत्व है जो फैट और शुगर मेटाबॉलिज्म को सही रखता है. ये विटामिन B7 और विटामिन H के रूप में भी जाना जाता है. कच्चे अंडे में एविडिन प्रोटीन होता है जो बायोटिन को बनने नहीं देता है. वहीं अंडे को पकाने से एविडिन बदल जाता है जिससे शरीर को बायोटिन मिलता है ।
ज्यादा तापमान से नुकसान- वैसे तो अंडे को पकाकर ही खाना सबसे सही है लेकिन तेज तापमान पर पकाने से इसके कई पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, अंडे को देर तक पकाने से उसका विटामिन ए लगभग 17-20 फीसदी तक कम हो जाता है. अंडे के माइक्रोवेव करने, उबालने और फ्राई करने से इसके एंटीऑक्सीडेंट में 6 से 18 फीसदी तक की कमी आ जाती है ।
हालांकि, तेज तापमान पर भी अंडे को जल्दी पका लेने से उसमें कुछ पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. वहीं एक अन्य रिसर्च के मुताबिक अंडे को 40 मिनट तक बेक करने से इसके विटामिन डी में 61 फीसदी तक की कमी आ जाती है जबकि फ्राई करने या उबालने पर इसमें 18 फीसदी की कमी आती है ।
अंडे की जर्दी में बहुत सारा कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है. एक बड़े अंडे में लगभग 212 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है. जब अंडे को ज्यादा तापमान पर पकाया जाता है तो ये कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीकृत होकर ऑक्सीस्टेरोल में बदल जाता है. कई लोगों के लिए ये चिंता की बात है क्योंकि ऑक्सीस्टेरोल से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है ।
अंडे को अगर हेल्दी बनाना चाहते हैं तो कुकिंग में कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो फिर आपको पोच्ड या उबले अंडे खाने चाहिए. इनमें फ्राइड, स्क्रैम्बल्ड या ऑमलेट की तुलना में कम कैलोरी होती है।
एग के साथ सब्जियों का कॉम्बिनेशन भी बना सकते हैं. अगर आप ज्यादा तापमान पर अंडे पका रहे हैं तो ऐसा तेल चुनें जो ज्यादा तापमान पर भी स्थिर रहता हो और आसानी से ऑक्सीडाइज ना होता है. जैसे पैन फ्राइंग के लिए सूरजमुखी का तेल या एवाकैडो का तेल बेहतरीन विकल्प है ।अगर ऑलिव ऑयल या कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो क्रमश: 410°F (210°C) और 350°F (177°C) से ज्यादा तापमान ना रखें. अंडों को ज्यादा देर और ज्यादा तापमान पर ना पकाएं. इससे पोषक तत्व खत्म होने के साथ-साथ ऑक्सीडाइज कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ जाती है ।
Published by: Khabar arena

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