जेएनएन, नवादा। नारदीगंज को प्रखंड का दर्जा मिले 24 वर्ष बीत गए। लेकिन इतने दिनों में भी इसे अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। भूमि अधिग्रहण ही नहीं हो सका। वर्तमान में हंडिया पंचायत के सामुदायिक भवन में प्रखंड कार्यालय चल रहा है। स्थानीय लोग जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे हैं।
प्रखंड कार्यालय के लिए पांच एकड़ भूमि की जरूरत
प्रखंड कार्यालय भवन के लिए 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण करने के लिए कई स्थलों का मुआयना किया गया, लेकिन कहीं नदी की भूमि तो कहीं पोखर की भूमि की वजह से समस्या हो गई। वर्ष 2019 में नारदीगंज कॉलेज के समीप भूमि की नापी भी की गई, लेकिन बिहार सरकार की पर्याप्त भूमि नहीं मिल सकी। हालांकि नारदीगंज कॉलेज के पास भूस्वामी अपनी रैयती भूमि भी प्रखंड कार्यालय के लिए स्वेच्छा से देने को तैयार हैं, लेकिन प्रशासनिक पहल नहीं हो रही है।
स्थानीय ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार
सहजपुरा के विपिन कुमार कहते हैं कि प्रखंड कार्यालय का भवन निर्माण नारदीगंज पंचायत में कराया जाए। हो। यहां पूर्व सांसद गिरिराज सिंह ने प्रखंड कार्यालय का निर्माण कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह कोरा साबित हुआ। जफरा के रंजीत सिंह का कहना है कि करीब 20 माह पहले अधिग्रहण के लिए नारदीगंज कॉलेज के समीप भूमि की मापी की गई थी। इस स्थल पर प्रखंड कार्यालय का निर्माण हो तो आमलोगों को सहुलियत होगी। स्थानीय किसान अपनी रैयती भूमि देने को भी तैयार हैं।
प्रखंड कार्यालय के लिए जमीन का किया जा रहा चयन
सीओ अमिता सिन्हा का कहना है कि प्रखंड कार्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण करना उनकी प्राथमिकता है। भूमि चयन व अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। पूर्व में नारदीगंज स्थित पावरग्रिड के समीप भूमि का चयन किया गया था,लेकिन खतियान में उक्त भूमि नदी का दर्शाया गया है। इसके दूसरे ओर विद्यालय की भूमि है। नारदीगंज बाजार से दक्षिण बाली भूमि के खतियान में पोखर दर्शाया गया है। 3 दिसंबर 16 को बनगंगा के समीप मौजा चौरमा में भूमि को चयन किया गया था,लेकिन नारदीगंज से उसकी दूरी चार से पांच किलोमीटर रहने के कारण चयन नहीं हो पाया है। वर्ष 2019 में नारदीगंज कॉलेज के समीप भूमि मापी की गई है। वहां करीब साढे तीन एकड़ भूमि बिहार सरकार की है।