राज्य निशक्तता आयुक्त ने कहा, दरभंगा के महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के कार्य अद्वितीय

दरभंगा, जेएनएन। राज्य निशक्तता आयुक्त डॉ. शिवाजी ने कहा है कि दरभंगा के महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के कार्य अद्वितीय रहे हैं। उन्होंने गरीब और पीड़ितों के लिए काफी बेहतर कार्य किए हैं। दरभंगा का पुअर होम एक ऐसा उदाहरण है कि इस तरह की व्यवस्था विरले देखने को मिलती है। वो शनिवार को महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह चैरिटेबुल ट्रस्ट के तत्वावधान में उनकी 113 वीं जयंती पर रामबाग पैलेस में आयोजित दिव्यांग सेवा शिविर को संबोधित कर रहे थे।

महाराज के कार्यों की प्रशंसा
कहा कि इस तहत के आयोजन से गरीब और पिछड़े लोगों को मजबूती मिलेगी। वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम ने महाराज के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि दरभंगा के विकास में महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के योगदान अहम हैं। उनके कार्य हमेशा से याद किए जाते रहे हैं। आगे भी वो लोगों के दिलों में अपने कार्यों की बदौलत बने रहेंगे। मौके पर मौजूद अन्य अतिथियों ने मुक्त कंठ से महाराज के कार्यों की प्रशंसा की। कहा कि महाराज ने दरभंगा को पूरी दुनिया में मशहूर किया। लोगों के लिए अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और रोजगार देने के लिए कई संस्थानों की स्थापना की।
पुष्प अर्पण के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
महाराजाधिराज की जयंती पर आयोजित दिव्यांग शिविर के शुभारंभ से पहले आगत अतिथियों ने राज परिवार के सदस्यों के साथ महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। मौके पर राज्य निशक्तता आयुक्त डॉ. शिवाजी, वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम, महाराज के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह, बहू कविता सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
कैंसर मरीजों के इलाज पर करेंगे खर्च
मौके पर महाराजाधिराज डॉ. कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह ने घोषणा किया कि दादाजी ने दरभंगा के विकास के लिए कई स्तरों पर काम किए। दरभंगा से उनका नाता गहरा रहा है। उन्होंने जितने भी उद्योग लगाए उनके साथ दरभंगा का नाम जोड़ा। इसके लिए वे सतत प्रयत्नशील रहे कि दरभंगा के लोगों का विकास हो। राज परिवार हमेशा से गरीबों की सेवा के लिए तत्पर रहा है। हमारी संस्था अब कैंसर मरीजों के लिए भी काम करेगी। उनके इलाज के लिए भी पैसे दिए जाएंगे।
ट्राई साइकिल और अन्य उपकरण वितरित
मौके पर राज परिवार की ओर से दिव्यांगों के बीच ट्राई साइकिल का वितरण किया गया। साथ ही वैसे लोग जिन्होंने अपने अंग गंवा दिए हैं उनकी मापी कृत्रिम अंग देने के लिए ली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। करीब पांच दर्जन दिव्यागों को शिविर का लाभ मिला।

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