कागज पर गति, हकीकत में फर्जी

मोतिहारी। बढ़ रही आबादी व वाहनों की संख्या के साथ यातायात प्रबंधन की दिशा में कोई ठोस पहल सरकारी स्तर पर नहीं किया गया है। कागजों में भले ही व्यवस्था को ठीक रखने का दावा किया जाता है, पर हकीकत में स्थिति उलट है। सुरक्षित यातायात के लिए किसी प्रकार का प्रबंधन नहीं किया गया है। सबकुछ रामभरोसे चलता है। सबसे खराब स्थिति शहर की है। यहां सड़क पर जिस प्रकार वाहनों को बिना वजह लगाया जाता है उससे प्रतिदिन लोग परेशान रहते हैं। मेन रोड छतौनी से ज्ञान बाबु चौक तक सुबह से शाम तक वाहन चलते नहीं रेंगते हैं। इसमें फंसकर प्रतिदिन लोगों का घंटों समय बर्बाद होता है। ऐसा भी नहीं है कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। लेकिन यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने को लेकर कभी बड़े स्तर पर प्रयास नहीं हुआ। मीना बाजार में सड़क को जिस प्रकार अतिक्रमण कर संकीर्ण बना दिया गया है यह भी लोगों की परेशानी के मुख्य कारण हैं। सड़क के दोनों किनारे अस्थायी दुकानों के अलावा वाहनों को लगाने से स्थिति और बदतर हो जाती है। सरकारी स्तर पर चंद पुलिसकर्मी को लगाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। जिन पुलिकर्मियों को लगाया जाता है वे सिर्फ वसूली की फिराक में रहते हैं। सीमित संसाधनों के बीच काम करने की है मजबूरी


सीमित संसाधनों व कम संख्या बल के बीच यातायात पुलिस भी पूरी तरह विवश है। विभागीय स्तर पर पुलिसकर्मियों व अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है। बता दें कि यातायात पुलिस को एक पीला जैकेट के अलावा एक रसीद थमा दिया गया है। पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने की वजह से वे खुद को विवश होते हैं। हालांकि कई चौक-चौराहों पर पुलिस बल वाहनों के परिचालन को लेकर सजग जरूर दिखते हैं। सड़क सुरक्षा को लेकर चलाया जाता है अभियान संकेतकों की जानकारी व वाहनों के सुरक्षित परिचालन के लिए जिला परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस दौरान सड़क पर चलने वाले वाहनों को रोककर उन्हें जागरूक किया जाता है। लोगों को संकेतकों का ज्ञान दिलाने के साथ हेलमेट लगाने, सीट बेल्ट लगाने व अन्य सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके अलावा पेट्रोल पंपों पर भी वाहनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर बैनर व पोस्टर लगाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए रथ को रवाना कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। वर्जन : लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह विभाग के स्तर चलाया जाता है। इस अवधि में लोगों को सुरक्षित वाहनों के परिचालन करने की अपील की जाती है। इससे संबंधित रथ को प्रखंडों व पंचायत स्तर पर भेजकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। अनुराग कौशल सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी
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