एडस से बचाव के लिए सावधानी व सतर्कता आवश्यक

खगड़िया: एडस एक गंभीर बीमारी है। जो जीते जी लोगों को मरने पर विवश कर देता है। यह एचआइवी नामक विषाणु से होता है। इस रोग से बचाव ही एकमात्र उपाय है। जो सावधानी व सतर्कता के साथ हो सकता है। यह संक्रमण एक संक्रमित से दूसरे संक्रमित तक पहुंचता है। जो असुरक्षित यौन संबंध, नशा सेवन व सूई आदि से फैलता है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह प्रयासी ने बताया कि एड्स एक खतरनाक बीमारी है। यह एक संक्रमित से दूसरे व्यक्ति तक ब्लड संपर्क में आने से होता है। यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने से होता है। वहीं संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए सूई से दूसरे को सूई देने में या बिना जांच ब्लड देने आदि कारणों से फैलता है। एड्स का पूरा नाम एक्वायार्ड इम्यूनो डेफिसिएंशी सिड्रोम है। जो एचआइवी वायरस से फैलता है। एडस के लक्षण व बचाव

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एड्स का लक्षण साधारण तौर पर शुरुआती दौर में पता नहीं चल पाता है। इसके लक्षण में लंबे समय से खांसी रहना, बुखार रहना, वजन का लगातार कम होना, डायरिया की समस्या लगातार होना, शरीर में गिल्टियों का बढ़ना आदि है। एचआइवी वायरस संक्रमित व्यक्ति के शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है। एड्स से कैसे बचें
एडस से बचाव का सावधानी व सतर्कता ही एकमात्र उपाय है। असुरिक्षत यौन संबंध से बचें और कंडोम का इस्तेमाल करें। किसी के शरीर में लगाए गए सूई को दोबारा अपने शरीर में न लें। जांच व सूई लेने के कार्य में हमेशा नए सीरिंज का इस्तेमाल करें।
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