जिले में धान की खरीदारी नहीं, किसान परेशान

शिवहर। बेमौसम बारिश, रोगों का कहर, बाढ़ का सितम और कोरोना वायरस के सायों के बीच शिवहर जिले के किसानों ने बेहतर धान उत्पादन किया है। अपनी मेहनत के बल पर विकट परिस्थितियों में भी इलाके के किसानों ने धान के रूप में सोना उगाने में सफलता पाई है। हालांकि, अब किसानों की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है। वजह, जिले में सरकारी स्तर पर अबतक धान की खरीदारी शुरू नहीं हो सकी है। इलाके में गोदाम का अभाव है और किसानों के पास धान रखने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में धान की बर्बादी की आशंका को देखते हुए किसान खुले बाजार में औने-पौने के दाम बेचने को विवश है। सरकार स्तर पर धान की कीमत 1860 रुपये तय की गई है, लेकिन किसान इसे 1200 से 1400 रुपये प्रति क्विटल की दर पर बेचने को मजबूर है। बिचौलियों द्वारा किसानों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। लिहाजा किसान मायूस है। शिवहर के किसान रामाश्रय राय, नंद लाल महतो, राम प्रताप राय आदि बताते हैं कि हर धान की खरीदारी कागजों पर की जाती है। धान में नमी का हवाला दिया जाता है। जब तक सरकारी स्तर पर खरीदारी शुरू होती है तबतक किसान अपना धान बिचौलियों के हाथ बेच चुके होते है। सरकारी स्तर पर धान बेचने के लिए निबंधन की प्रक्रिया है। इससे से भी किसान परेशान रहते है। हालांकि, जिला प्रशासन की माने तो जिले में 23 नवंबर से ही जिले में धान की खरीदारी शुरू हो चुकी है। 31 मार्च तक खरीदारी जारी रहेगी। इस बार कुल 30 हजार टन धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है। अबतक जिले के 200 से अधिक किसानों ने धान बेचने के लिए आनलाईन निबंधन कराया है। किसानों द्वारा निबंधन कराने का कार्य जारी है। एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी ने बताया कि सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के साथ बैठक कर धान अधिप्राप्ति की समीक्षा की गई है। साथ ही उन्हें निर्देश भी दिया गया है।

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