अनाज भंडारण के लिए नमी और तापक्रम प्रमुख भौतिक कारक

समस्तीपुर । डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ जाले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ चंदन कुमार का बताना है कि अनाज भंडारण के लिए नमी और तापक्रम प्रमुख भौतिक कारक है। खाद्यान्न में निर्धारित स्तर से अधिक नमी होने पर उनके भीतर होने वाली जैविक एवं रासायनिक क्रियाओं से तापमान बढ़ने लगता है। जो कवक कीटों व अन्य सूक्ष्म जीवों की वृद्धि में सहायक होता है। भंडारण के दौरान तापमान में बढ़ोतरी से बीज का अंकुरण क्षमता में कमी एवं कीटों व अन्य सूक्ष्म जीवों की विधि के लिए अनुकूल वातावरण उत्पन्न होता है। साधारणतया 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान इन अवांछित जीवों के लिए उपयुक्त पाया गया है।


नमी से बचने के उपाय
अनाज को भंडारण से पूर्व अच्छी प्रकार सूखा लेना चाहिए। साफ मौसम में अनाजों को तेज धूप में सूखाना अत्यंत सुगम विधि है। अनाज को दांत से काटने पर कट की आवाज के साथ कट जाए तो समझना चाहिए कि अनाज भंडारण के लिए उपयुक्त है। वायु संचारित भंडारण में नमी की मात्रा वायु रोधी भंडारण की अपेक्षा दो से 3 प्रतिशत अधिक होती है।
भंडारण गृह के फर्श पर 75 सेंटीमीटर सूखे भूसे रखी जानी चाहिए ताकि फर्श के माध्यम से आने वाले नमी भंडारित अनाज तक नहीं पहुंच सके। भंडारण से पूर्व भंडार गृह को भलीभांति जांच लेना चाहिए और दीवारों पर नमी विरोधी पेंट लगा देना चाहिए अगर कहीं दीवाल में छेद दिखाई पड़े तो उसे गीली मिट्टी या सीमेंट से बंद कर देनी चाहिए।
भंडारण के समय बोरों को दीवार तथा फर्श से 45 सेंटीमीटर की दूरी पर लकड़ी के तख्तों या मोटे गेज के पॉलिथीन की चादर बिछाने के बाद रखना चाहिए।
भंडार गृह की संरचना
गोदाम या भंडार गृह में चूहे, चिरैयां, कीटों आदि के प्रवेश की संभावनाएं नगण्य हो। नमी और तापक्रम के बदलाव से होने वाले नुकसान से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
परंपरागत भंडारण संरचनाओं के स्थान पर वैज्ञानिक विधि से बनी सस्ती टीन के गोदाम को खाद्यान्न भंडारण हेतु काम में लाना चाहिए।
गोदाम को अच्छी तरह साफ करके 4 लीटर मेलाथियान को 100 लीटर पानी में घोलकर हर जगह छिड़काव करना चाहिए। बीज रखने के लिए नई बोरियां या सेवग्रीन बैग का प्रयोग करना चाहिए। बीज को पहले एलुमुनियम फास्फाइड की गोली द्वारा उपचारित करके रखें।
हानिकारक कीट से बचाव
भंडार गृह में हानिकारक कीट से बचाव करने के लिए किसानों को अपने भंडार गृह का निरीक्षण करते रहना चाहिए। अगर उड़ने वाले पतंगे दिख रहे हो तो डाइक्लोरभास 100ई सी का एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में छिड़काव करना चाहिए। भंडार गृह को समुचित रूप से बंद रहना चाहिए। वायु के आदान-प्रदान को नियंत्रित करने के लिए दो प्रवेश द्वार होना चाहिए।
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