बिचौलिए मालामाल, किसान कंगाल

शिवहर। जिले में अबतक धान की खरीदारी शुरू नहीं हो सकी है। किसान औने-पौने के दाम में बिचौलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर है। इधर, धान बेचने के लिए निबंधन कराने के प्रति भी किसान खुद बेपरवाह नजर आ रहे है। हालत यह है कि 30 हजार टन धान की खरीदारी के लक्ष्य के विरूद्ध महज ढाई सौ किसानों ने ही आनलाइन निबंधन कराया है। ऐसे में धान की खरीदारी का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल दिख रहा है। हालांकि, आनलाइन निबंधन में सबसे बड़ी बाधा इंटरनेट सेवा है। इंटरनेट सेवा की बदहाली के कारण किसानों का आनलाइन निबंधन नहीं हो पा रहा है। एक तो इलाके के किसान आनलाइन निबंधन के लिए साइबर कैफे और ई-किसान भवन का चक्कर काट रहे है। दूसरी ओर इंटरनेट की बदहाली से आवेदन नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर कुछ किसानों के लिए निबंधन के आनलाइन एक जटिल प्रक्रिया साबित हो रही है। पिछले दिनों हुई बैठक में एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी ने कम संख्या में किसानों के निबंधन पर आक्रोश जताया था। वहीं अधिकाधिक किसानों का आनलाइन निबंधन कराने का निर्देश दिया था। एसडीओ के निर्देश के बाद महज 44 किसानों का ही निबंधन कराया जा सका है और निबंधित किसानों की कुल संख्या ढ़ाई सौ के पार पहुंची है। बताते चलें कि बेमौसम बारिश, रोगों का कहर, बाढ़ का सितम और कोरोना वायरस ने पहले से ही किसानों की कमर तोड़ रखी है। फसलों की हुई क्षति का लाभ भी इस बार किसानों को नहीं मिल पाया है। वहीं अबतक जिले में सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसान खुले बाजार में औने-पौने के दाम धान बेचने को विवश है। इसका फायदा उठाते हुए बिचौलिए मालामाल हो रहे है। जबकि, मेहनत और पूंजी लगाने के बावजूद किसान कंगाल हो रहे है। इधर, जिला प्रशासन की माने तो जिले में 23 नवंबर से ही जिले में धान की खरीदारी शुरू हो चुकी है। 31 मार्च तक खरीदारी जारी रहेगी। इस बार कुल 30 हजार टन धान की खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है। धान बेचने के लिए किसानों का आनलाइन निबंधन कराया जा रहा है।


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