दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के नये सत्र में नहीं हो सका छात्रों का नामांकन, बंद हो जाएगा निदेशालय

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा निदेशालय इन दिनों अपने अस्तित्व को बचाने में लगा है। नये सत्र 2020 में इस बार किसी भी कोर्स में नामांकन आमंत्रित नहीं किया गया है। एक ओर जहां निदेशालय द्वारा सत्र 2019-20 तक संचालित सभी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं ली जा रही है। वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से नये सत्र में नामांकन को लेकर छात्रों की भीड़ रोजाना निदेशालय में लग रही है। लेकिन सभी को मायूसी झेलनी पड़ रही है। निदेशालय द्वारा छात्रों को बताया जा रहा है अबतक नये सत्र में नामांकन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। मंजूरी मिलते ही निदेशालय के साइट पर इसकी सूचना जारी कर दी जाएगी। बता दें कि विश्वविद्यालय के तहत संचालित दूरस्थ शिक्षा निदेशालय पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यूजीसी के नए नियम के अनुरूप सत्र 2019-20 के बाद निदेशालय का संचालन भी ठप हो सकता है। इसे जारी रखने के लिए विश्वविद्यालय को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। वर्तमान में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) से विश्वविद्यालय को 2.47 अंक के साथ


बी ग्रेड प्राप्त है। लेकिन अगर विवि को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का नियमित संचालन करना है तो इसके लिए विवि को नैक से ए ग्रेड लेना होगा, वो भी न्यूनतम 3.26 सीजीपीए अंक के साथ। अगर विश्वविद्यालय ऐसा करने में असफल रहता है तो निदेशालय का संचालन बंद करना होगा। यूजीसी का यह नया फरमान आयोग के वेबसाइट पर अपलोड है। यूजीसी की यह अधिसूचना भारत के राजपत्र में भी प्रकाशित हो चुकी है। विवि के पास कोर्स संचालित करने की मोहलत हो चुकी है खत्म
यूजीसी के अधिसूचना के अनुसार जिन विश्वविद्यालयों को दूरस्थ कार्यक्रम संचालित करने के लिए सत्र 2017-18 की अनुमति मिल चुकी है, वे शैक्षणिक सत्र 2019-20 तक इसे संचालित कर सकते हैं। निदेशालय द्वारा सत्र 2019-20 के पाठ्यक्रम की परीक्षाएं चल रही है। लेकिन नये सत्र में नामांकन प्रक्रिया ठप है। अब छात्रों समेत निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों में बेचैनी देखी जा रही है। बता दें कि निदेशालय के चार दर्जन से अधिक कर्मचारी निदेशालय के संचालन को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं। अगर विवि इसमें असफल रहता है तो निदेशालय का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। जानकारों की मानें तो नैक के नए मूल्यांकन प्रारूप में ए ग्रेड हासिल करना पहले की अपेक्षा और कठिन हो चुका है।
---------------- 1998 में हुई थी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की स्थापना
मिथिला विवि में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की स्थापना साल 1998 में हुई थी। तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. हरेन्द्र सिंह निदेशालय के प्रथम निदेशक बनाए गए थे। हालांकि शैक्षणिक कार्यक्रमों की शुरूआत सितंबर 2005 में हुई थी। वर्तमान में निदेशालय के अंतर्गत बीएड, बीलिए, एमलिस सहित 21 विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है जिसमें लगभग 65 हजार छात्र नामांकित हैं। वर्तमान में विवि क्षेत्रान्तर्गत दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व बेगूसराय जिलों में निदेशालय के 29 से अधिक अध्ययन केंद्र कार्यरत हैं।
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