बीएनएमयू में दिव्यांगजनों के अधिकारों का हो रहा हनन: मोनू झा

मधेपुरा। बीएन मंडल विवि में दिव्यांगजनों के अधिकारों का हनन हो रहा है। यहां नामांकन से लेकर नियुक्ति में दिव्यांगजन अधिनियम का पालन नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय में दिव्यांगजन अधिनियम 2016 सख्ती से लागू किया जाए। उक्त बातें अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और दिव्यांग छात्र नेता मोनू झा ने बुधवार को कुलपति डॉ. आरकेपी रमन से कही।

इससे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शिष्ट मंडल ने दिव्यांगजनों के हक को लेकर एक मांग पत्र बीएनएमयू के कुलपति को सौंपा। इस अवसर पर अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और दिव्यांग छात्र नेता मोनू झा ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभन्न तरह के नामांकन में अभी भी पूर्व का दिव्यांगता कानून लागू है। लेकिन मात्र तीन प्रतिशत दिव्यांगजनों का नामंकन लिया जा रहा है। जबकि दिव्यांगजन अधिकार नियम 2016 के अनुसार इसे बढ़ा कर नामांकन में पांच प्रतिशत कर दिया गया है तो नौकरी में चार प्रतिशत। परिषद कार्यकर्ता यह मांग करता है कि अभी हो रहे बीएड के नामांकन में भी विवि प्रशासन इसे लागू करें और आगामी होने वाले विभिन्न तरह के नामंकन एमएड, एमलिस, बिलिस, पैट,आदि में भी इस कानून का सख्ती से लागू किया जाए। आगामी होने वाले नामंकन में पांच प्रतिशत का लाभ दिव्यांगजनों को नहीं दिया जाता है तो सभी दिव्यांग विश्वविद्यालय में आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे। सीनेट सदस्य और विश्वविद्यालय प्रमुख रंजन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को विभिन्न आरक्षण के तरह दिव्यांगजनों के आरक्षण पे विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये लोग अन्य लोगो से ज्यादे ही जरूरतमंद होते हैं। प्रदेश सह मंत्री अभिषेक यादव ने कहा कि दिव्यांगजनों के कष्ट को देख हर पदाधिकारियों को होना चाहिए कि उनके लिए आने वाले योजना को उन तक कैसे सुविधा पूर्वक पहुंचा दिया जाए। भूपेंद्र नारायण मंडल के पदाधिकारी उन्हें भी तंग करने में बाज नही आते हैं। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिलीप दिल, आमोद आनंद, सोनू कुमार आदि उपस्थित थे।
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