एक करोड़ 44 लाख खर्च के बाद भी नहीं बदली है नगर पंचायत की सूरत

खगड़िया। नगर पंचायत गोगरी जमालपुर अब नगर परिषद बनने को तैयार है। क्षेत्र विस्तार के साथ कार्य का दायरा भी बढ़ जाएगा। परंतु वर्तमान नगर पंचायत के 20 वार्डों में साफ- सफाई का हाल बेहाल है। साफ- सफाई के अभाव में फैली गंदगी व कचरे से लोग परेशान रहते हैं। नपं प्रशासन की उदासीनता व कर्मियों की लापरवाही के कारण मुहल्ले की कौन कहे मुख्य बाजार में भी जगह-जगह कचरे नजर आते हैं। जबकि साफ-सफाई के नाम पर नपं की ओर से हर साल एक करोड़ 44 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। नपं की ओर से जगह-जगह कूड़ेदान तो लगाए गए हैं, परंतु वह शोभा की वस्तु मात्र है। लोग कूड़ेदान में कचरा नहीं डालते हैं और यत्र- तत्र फेंक देते हैं। रोज कूड़ेदान की सफाई नहीं होती है। कचरा आसपास फैला रहता है। जिसका उदाहरण 14 नंबर रोड, बायपास टावर चौक व रामपुर रोड आदि है। नपं के 20 वार्ड मात्र तीन से चार किलोमीटर के दायरे में फैला है। फिर भी साफ-सफाई की स्थिति दयनीय है। लोग नपं को कोसते नजर आते हैं। प्रत्येक माह साफ-सफाई पर 12 लाख खर्च


नपं में साफ- सफाई के नाम प्रत्येक माह 12 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ 44 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सफाई कर्मी डोर टू डोर कचरे का उठाव नहीं करते हैं। साफ-सफाई का कार्य यहां संवेदक की ओर से कराया जाता है। जिस पर नपं प्रशासन का कोई अंकुश नहीं रहता है। ''नपं क्षेत्र में रोज साफ- सफाई का निर्देश दिया गया है। बाजारों में रोज साफ-सफाई होती है। बाजार होने के कारण दुकानदार व आमलोग कचरा सड़क पर फेंक देते हैं। लोग कचरा कूड़ेदान में नहीं डालते हैं। इसे लेकर अब सख्ती बरती जाएगी।
शशिकला देवी, अध्यक्ष, नगर पंचायत गोगरी जमालपुर
कोट नपं क्षेत्र में साफ सफाई होती है। कचरा डंपिग की समस्या है। जो जमीन अभाव के कारण है।
आदित्य कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत गोगरी जमालपुर।
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