नौ महीने से बंद स्कूल खुले मगर व्यवस्था सुधरने में लगेगा वक्त

सीतामढ़ी। पहले दिन कई विद्यालय में कोरोना को लेकर जरूरी उपाय बिल्कुल ही नजर नहीं आए। कही बिना मास्क के शिक्षक व छात्र नजर आए तो कही मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिग और शारीरिक दूरी की बातें हवा-हवाई दिखाई पड़ी। अधिकतर विद्यालयों में निर्धारित पचास की जगह दस फीसद छात्र भी नही पहुंच सके। कई स्थानों पर शिक्षकों की अनुपस्थित के साथ-साथ वर्ग का भी संचालन नहीं हुआ। इसी बीच एक विद्यालय ऐसा भी मिला जहां सब कुछ अपटुडेट मिला। प्रोजेक्ट बालिका प्लस टू विद्यालय व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी था। प्रवेश पत्र लेने के लिए छात्राओं का आना-जाना लगा रहा। लेकिन, किसी के चेहरे पर मास्क नहीं दिखा। कैमरे पर नजर पड़ते ही शिक्षक अपना-अपना चेहरा ढ़कने लगे। दसवीं की छात्रा कोमल कुमारी, आरती कुमारी आदि ने मास्क नहीं मिलने की बात कही। 9वीं की करीब 482 में सात छात्राएं नजर आई। एक दर्जन शिक्षकों में चार विद्यालय के कार्य से बाहर निकले थे। प्रभारी हेडमास्टर ब्रजकिशोर यादव ने सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीननिग और मास्क विभाग द्वारा नहीं उपलब्ध कराए जाने की बात कही। इतना बताया कि दूसरे दिन से व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। कई स्कूलों में दिखी व्यवस्था, पढ़ाई भी हुई उच्च माध्यमिक विद्यालय, रामनगर बेदौल नामांकित कुल 80 में से 36 छात्र-छात्राओं ने वर्ग संचालन में हिस्सा लिया। इनमें छात्राओं की उपस्थिति 20 रही। रवि रंजन, रि•ावान, अ़फ•ाल, राबिया खानम, खुशबू, काजल आदि छत्राओं स्कूल खुलने पर चेहरों पर मुस्कान दिखा। यहां सभी के चेहरे पर मास्क, वर्ग में सेनिटाइजर की व्यवस्था मिली। प्रधानाध्यापक दीप मोहन प्रसाद के अलावे अन्य शिक्षक मौजूद थे। प्रधानाध्यापक ने बताया बच्चों के स्वास्थ्य से खिलबाड़ नही किया जा सकता। लिहाजा निर्देश का पालन किया जा रहा है। बताया कि वर्ग संचालन में कोरोना वायरस से संबंधित बातों की जानकारी दी गई। बहुत दिनों के बाद विद्यालय आने पर शिक्षक व छात्र सभी काफी थे।


शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार