श्मशान घाट में 41 लाख रुपये से बनेंगे दो विद्युत शवदाह गृह

बक्सर: चरित्रवन शमशान घाट पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को जल्द ही नगर परिषद के द्वारा दूर करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही श्मशान घाट पर दो विद्युत शवदाह गृह भी बनाए जाएंगे। यह जानकारी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने दी। उन्होंने बताया के इस योजना का प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के साथ ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य नागरिक सुविधाओं को भी श्मशान घाट पर बहाल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, डबल डेकर शौचालय बनाए जाने की योजना प्रस्तावित है। इन कार्यों के लिए 41 लाख की योजना की स्वीकृति के बाद फंड की उपलब्धता के आलोक में निर्माण कर दिया जाएगा। दरअसल, काफी लंबे समय से यहां विद्युत शवदाह गृह की मांग की जाती रही है। विद्युत शवदाह गृह के अभाव में लकड़ी नहीं जुटा पाने के कारण कई बार आर्थिक रूप से कमजोर लोग स्वजनों के अधजले शव का गंगा में प्रवाह कर देते हैं। गंगा समग्र के चंद्रभूषण ओझा बताते हैं कि, विद्युत शवदाह गृह की मांग को लेकर उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे को ज्ञापन भी सौंपा था।

शवदाह के लिए लोगों को लेना पड़ता है कर्ज
उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद लकड़ियां खरीद कर शवदाह करना काफी महंगा होता है। समाज का एक स्याह सच यह भी है कि शवदाह के लिए लोगों को कर्ज तक लेना पड़ता है। सुनने में यह भी आता है कि कई लोग चोरी छुपे जल प्रवाह कर अपनी इज्जत बचाते हैं लेकिन, यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और जल प्रदूषण का कारण भी। उन्होंने यह भी बताया कि यह जानकारी मिली थी कि लकड़ियों के दर से ज्यादा रुपयों की वसूली श्मशान घाट में की जाती है, जिसके बाद लिए लकड़ियों का दर निर्धारित किया गया है।
लकड़ी जलने से होता है प्रदूषण
चरित्रवन श्मशान घाट पर प्रतिदिन कई टन लकड़ियों को दाह-संस्कार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे एक तरफ जहां लकड़ियों की खपत लगातार बढ़ती जा रही है वहीं, दूसरी तरफ वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण आदि भी बढ़ता जा रहा है। अपशिष्ट के रूप में निकलने वाली राख से मृदा प्रदूषण भी होता है ।वहीं, लगातार हो रही लकड़ियों की खपत कहीं ना कहीं पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगाने में भी बाधक है। विद्युत शवदाह गृह से क्या होगा फायदा:
विद्युत शवदाह गृह बनाए जाने से एक तरफ जहां शवदाह में लोगों को महंगे खर्च से मुक्ति मिलेगी वहीं, दूसरी तरफ विद्युत शवदाह गृह के स्क्रबर टेक्नोलॉजी से शव जलने के दौरान निकलने वाली खतरनाक गैस और शरीर के बर्न पार्टिकल को मशीन सोख लेगी। इतना ही नहीं शव से निकलने वाला डस्ट एक पानी के टैंक में जमा होगा जिसका खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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