औरंगाबाद के करसावां मध्य विद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी

संवाद सूत्र, ओबरा (औरंगाबाद) : उत्क्रमित उच्च विद्यालय करसांवा में शिक्षकों की घोर कमी है। इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। शिक्षकों ने बताया कि पूर्व में यह मध्य विद्यालय था, पर अभी यह उत्क्रमित उच्च विद्यालय में बदल गया है। मध्य विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 600 है। परंतु पढ़ाने के लिए मात्र प्रधानाध्यापक समेत पांच ही शिक्षक पदस्थापित हैं। मजबूरी में एक ही वर्ग में दो से तीन वर्गो के छात्र एक साथ पढ़ने को मजबूर हैं। वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर 50 प्रतिशत उपस्थिति रहने के कारण शिक्षण कार्य चलाया जा रहा है। प्रधानाध्यापक सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि जनवरी 2019 में तीन शिक्षक एवं 25 सितंबर 2020 को दो शिक्षक यानी पांच शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया है। वैसी स्थिति में अब विद्यालय में मात्र चार सहायक शिक्षक ही रह गए हैं। शिक्षकों का पदस्थापना कराने हेतु वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है पर वर्तमान कोई सुधार नहीं दिख रहा है। उधर, बीईओ चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि जिन विद्यालय में शिक्षकों की कमी है, वहां पर जल्द ही शिक्षक भेजे जाएंगे। शिक्षा की गुणवत्ता लाने हेतु प्रर्याप्त शिक्षकों का होना जरूरी है।


भवन तोड़े जाने का विरोध: प्रखंड अंतर्गत बारुणगंज गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय का भवन एनएच दो के अधिकारियों द्वारा तोड़े जाने का विरोध ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। बिना जमीन आवंटित किए हुए विद्यालय भवन तोड़े जाने से ग्रामीण आक्रोशित थे।
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय का निर्माण होने एवं विद्यालय के जमीन आवंटित जब तक नहीं होगा, तब तक विद्यालय को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। अगर विद्यालय भवन तोड़ दिया जाएगा तो हमलोग के बच्चों को शिक्षा कहां पर दी जाएगी। पहले प्रशासन आश्वस्त करें कि विद्यालय के लिए जमीन कहां पर आवंटित किया जाएगा और कब तक विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर हम लोग विद्यालय को तोड़ने नहीं देंगे। इसके लिए चाहे जो कुछ करना भी पड़े तो ग्रामीण पीछे नहीं हटेंगे।
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