बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में बैंक बन रहा रोड़ा

सहरसा। बेरोजगार युवाओं को रोजगार हेतु प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण प्राप्त करना सहरसा में टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। बैंकों की उदासीनता के कारण चालू वित्तीय वर्ष में 75 आवेदकों के लक्ष्य को घटाकर 67 कर दिया गया। बावजूद इसके सभी बैंक अपने लक्ष्य से कोसो पीछे चल रहा है। हालत यह है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज दो महीने शेष रह गया है, परंतु मात्र नौ आवेदकों को ऋण की राशि मिल पाई है। जिलाधिकारी द्वारा लगातार बैठकों में दिए जा रहे निर्देश के बावजूद बैंकों की तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में इस महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण सा लगा हुआ है।


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बैंकों से निरस्त किए गए 128 आवेदन
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जिला परामर्शदात्री समिति द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन के लिए ऋण के लिए प्राप्त 298 आवेदन को स्वीकृत कर परियोजना के आधार पर बैंक को अग्रसारित किया। विभिन्न कारणों से इसमें बैंक ने 128 आवेदन को निरस्त कर दिया। बावजूद इसके स्वीकृत आवेदनों के त्रुटि निष्पादन एवं अन्य कई कारणों के नाम पर आवेदकों को परेशान किया जा रहा है। कई आवेदन बैंक और उद्योग कार्यालय दौड़कर थक रहे हैं।
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सात करोड़ 20 लाख के बदले 43 लाख मार्जिन मनी का हुआ भुगतान
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लक्ष्य के अनुरूप सरकार द्वारा जिले के लिए 720 करोड़ मार्जिन मनी स्वीकृत किया गया, परंतु 67 के बदले दस महीने में मात्र नो आवेदन स्वीकृत किए जाने के कारण मात्र 43 लाख 31 हजार मार्जिन मनी का भुगतान किया जा सका है। अगर बैंकों के रवैया में अब परिवर्तन नहीं हुआ, तो वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को पूरा करना कठिन हो सकता है।
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बैंकों की उदासीनता के कारण योजनाओं में गति नहीं आ रही है। इसके लिए जिलाधिकारी के स्तर से पुन: सभी बैंकों को निर्देश भेजा जा रहा है। लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाले बैंकों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
प्रकाश चौधरी
महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, सहरसा।
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