शीतलहर और कड़ाके की ठंड के कहर से जनजीवन बेहाल

मोतिहारी। जिले में एक बार फिर ठंड ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि सूर्य का भी दर्शन दुर्लभ हो रहा है। सर्द पछुवा हवा चलने से यहां ठंड का कहर चरम पर है। लगातार लुढ़क रहे पारा के बीच सितम ढा रही कनकनी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल अगले कुछ दिनों तक ठंड से निजात मिलते नही दिख रही है। इधर, कड़ाके की ठंड ने लोगों को अपने घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। लोगों ने घरों से निकलने से परहेज करना ही बेहतर समझा। शहर के हाट बाजारो में भी साम ढलते ही लोगों की आवाजाही कम हो गई। स्वास्थ्य पर भी मौसम का असर दिखने लगा है। ठंड व बर्फीली हवाओं के सितम से बचने के लिए लोगो ने अलाव व हीटर के सामने बैठे रहे। इधर ठंड व कुहासे के बढ़े प्रकोप से वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया। लोगों से गुलजार रहने वाले रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर भी ठंड का असर देखा गया। कोहरे के कारण सड़क पर आवागमन प्रभावित


कड़ाके की ठंड व कोहरे के प्रकोप ने वाहनों की ऱफ्तार पर भी ब्रेक लगा दी है। जिले से लगे तमाम हाइवे पर सोमवार को वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही। खासकर सुबह व दिन ढलने के बाद विजिबलिटी काफी कम हो गई। इस दौरान सड़क पर गाड़ियां रेंगती सी नजर आयी। कोहरा व ठंड के कारण पिछले कुछ दिनों से सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखने को मिला है। एक्सप‌र्ट्स की माने तो ऐसे में मौसम में पूरी सावधानी के साथ वाहन चलाना जरूरी होता है। जरा सी भी लापरवाही दुर्घटना का सबब बन सकती है। सबसे जरूरी है कि लोग अपने वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण रखें। कड़ाके की ठंड ने आम हो या खास सबको मुसीबत में डाल दिया है। वही आवारा घूमने वाले पशुओं के लिए भी यह आफत का सबब साबित हो रहा है। इतनी ठंड के बावजूद भी अब तक प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नही किये जाने से सड़क पर गुजर बसर करने वाले लोगो व आवारा पशुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोग इधर उधर बिखरे कूडों को जलाकर जैसे तैसे समय गुजारने को मजबूर हैं। वहीं रिक्शा व टेम्पो चालकों को भी बेतहाशा पड़ रहे ठंड के कारण काफी परेशानी हो रही है।
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