यहां अतिक्रमण कर लोग बेच रहे सरकारी जमीन

सहरसा। यहां सरकारी जमीन लोगों के धन कमाने का जरिया बनता जा रहा है। शहर से लेकर गांव तक लोग सरकारी जमीन को पहले अतिक्रमित करते हैं जिसके बाद दुकान बनाकर या तो बेच देते हैं या उसे भाड़ा लगाकर किराए की वसूली कर रहे हैं। ऐसे मामलों में सीओ नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। यही नहीं, लोगों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हो पाती है।

प्रमंडल मुख्यालय की बात करें तो शहर में कौशल विकास केंद्र के समीप केंद्र के समीप खाली पड़े सरकारी जमीन पर पूरा मुहल्ला हाल के दिनों में बस गया। समाहरणालय सड़क मार्ग, थाना चौक से वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए एसडीओ आवास तक, नया बाजार समेत अन्य जगहों पर लोग सरकारी जमीन पर कब्जा जमा चुके हैं। इनमें कई ऐसे हैं जो दबंग हैं वो इन जमीन पर पहले अतिक्रमण करते हैं और फिर उसे 50 हजार से दो लाख तक में बेच देते हैं। प्रशासन द्वारा कभी-कभार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है लेकिन मामला ठंडा बस्ता में डाल दिया जाता है।

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राजनपुर में सरकारी जमीन
से वसूला जाता है भाड़ा
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बिहार सरकार के विभिन्न विभागों की जमीन को दबंग अपनी जमीन समझकर उसमें दुकान बनाकर भाड़ा वसूल रहे हैं। महिषी प्रखंड के राजनपुर बाजार की बात करें तो तटबंध के किनारे सरकारी जमीन पर कई लोगों ने दुकान बना लिया है। कुछ लोग खुद की दुकान चलाते हैं तो कुछ लोग दुकान बनाकर भाड़े पर लगाकर हजारों रुपये प्रत्येक माह भाड़ा की वसूली कर रहे हैं। करीब छह माह पूर्व 29 दुकानदारों को अतिक्रमण खाली करने के लिए सीओ द्वारा नोटिस भी किया गया लेकिन नोटिस के बाद मामला ठंडा पड़ा रहा। स्थानीय लोगों ने जब इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस का कहना है कि बिना दंडाधिकारी के खाली नहीं कराया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गंडौल चौक पर पिछले दिनों आग लगने से कई दुकानें राख हो गई थी। जांच में पता चला कि अधिकांश दुकानदार सरकारी जमीन पर दुकान बनाए हुये थे। जिसके कारण ऐसे लोगों को राहत देने में भी परेशानी हो रही है।
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सेटिग पर नहीं मिलता है नोटिस
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गंडौल चौक की ही बात करें तो वहां दर्जनों दुकान सरकारी जमीन पर बनीं है, लेकिन महज कुछ दुकानदारों को सीओ स्तर से नोटिस देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। लोगों का कहना है कि जिन दुकानदार की पैठ सीओ कार्यालय या प्रशासन तक है उन्हें नोटिस भी नहीं दी जाती है। यही नहीं कई दबंग भी भाड़े पर दुकान लगाए हुए हैं उन्हें नोटिस देने में प्रशासन परहेज बरतती है।
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समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है। सरकारी जमीन से अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
शंभूनाथ झा, सदर एसडीओ, सहरसा।
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