संजय शर्मा हत्याकांड में दो आरोपियों को उम्रकैद

औरंगाबाद। शहर के चर्चित संजय शर्मा हत्याकांड में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 अशोक राज की अदालत ने फैसला सुनाया है। कांड के दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने खुदवां पैक्स अध्यक्ष रहे मनीष शर्मा एवं मनोज शर्मा को भादसं की धारा 302 में दोषी पाते हुए उम्रकैद के साथ 10 हजार जुर्माना व 27 आ‌र्म्स एक्ट में सात वर्ष की सजा के साथ पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास में रहना होगा। संजय शर्मा हत्याकांड में मनीष एवं मनोज जेल में बंद है।


मनीष हत्या के बाद से जेल में बंद है। मनोज को न्यायालय ने एक फरवरी 2021 को दोषी पाते हुए जेल भेज दिया था। न्यायालय का फैसला भी 58 माह बाद आया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 14 अप्रैल 2016 को विधि संघ के अध्यक्ष रहे वरीय अधिवक्ता रामकिशोर शर्मा के पुत्र संजय शर्मा की हत्या उस वक्त कर दी गई थी, जब वे रिश्तेदार के यहां से घर लौट रहे थे। रास्ते में वेंकटेश मंदिर के पास सुबह में गोली मार दी गई थी। रामकिशोर शर्मा के बयान पर ही मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लंबे समय तक मामले में विचारण चला और मंगलवार को न्यायालय का फैसला आया। पैक्स चुनाव के अदावत में हुई थी हत्या
फैसले के बाद रामकिशोर शर्मा ने बताया कि हमें न्यायालय पर भरोसा था, न्याय मिला है। हमने बुढ़ापे का सहारा अपना बेटा खो दिया। बेटा के जाने का गम है परंतु हमें न्यायालय से न्याय मिला। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक रंजीत शर्मा एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अवध किशोर प्रसाद सिन्हा ने बहस में हिस्सा लिया। बता दें कि खुदवां पैक्स अध्यक्ष मनीष शर्मा व संजय शर्मा के बीच पैक्स चुनाव को लेकर अदावत चल रही थी। इसी विवाद में हत्या हुई थी। ---------------------
एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपित दोषी करार
11 फरवरी को सजा की बिदु पर होगी सुनवाई
एक आरोपी को न्यायालय ने किया बरी
जासं, औरंगाबाद : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 सह एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल जज ओमप्रकाश सिंह ने मंगलवार को गांजा बरामदगी में आरोपी भीम कुमार सिंह को दोषी करार दिया है। भोजपुर जिले के नथमलपुर निवासी भीम को न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट में दोषी पाया है। एक अन्य आरोपी बक्सर जिले के बलिहार निवासी राजेश कुमार सिंह को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। सजा की बिदु पर सुनवाई कल होगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 23 सितंबर 2016 को औरंगाबाद जिले के अंबा चेकपोस्ट पर 63 किलो गांजा के साथ भीम एवं राजेश को गिरफ्तार किया गया था। मामले में उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर सतार अंसारी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 08 सितंबर 2017 को दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने एक आरोपी को दोषी करार दिया है। सरकार की ओर से एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल पीपी परवेज अख्तर एवं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता कुमार योगेंद्र नारायण सिंह एवं श्यामसुदंर शर्मा ने बहस में हिस्सा लिया।
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