बाघ की मौत में तस्कर दरिया सिंह गैंग पर शक

बेतिया। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोब‌र्द्धना रेंज में 30 जनवरी की रात में बाघ की संदेहास्पद मौत में एकबार फिर जांच के घेरे में हरियाणा के पंचकुला के लोहगढ़ थाने के बासुदेवपुर निवासी तस्कर दरिया सिंह व उसका गैंग है। वह वन विभाग के रडार पर है। इसे लेकर वीटीआर में अलर्ट जारी किया गया है। उस पर 2006 में बाघ को मारने व अंगों की तस्करी का मामला दर्ज हुआ था। जमानत के बाद से वह फरार है।

वीटीआर के सोमेश्वर वन प्रमंडल के जम्हौली के निकट दिसंबर, 2006 में बाघ की खाल व हड्डी को एसएसबी ने बरामद किया था। इस मामले में मंगुराहा वन क्षेत्र के पदाधिकारी ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। वन विभाग की जांच में अंतरराष्ट्रीय तस्कर हरियाणा निवासी दरिया सिंह गैंग की संलिप्तता उजागर हुई थी। उसके अलावा गैंग के ताराचंद्र, सुल्तान रामचंद्र व हजारी सिंह सहित पांच महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

वर्ष 2009 में दरिया सिंह मध्यप्रदेश की कटनी पुलिस के हत्थे चढ़ा। उसी साल फरवरी में उसे रिमांड पर लेकर बेतिया लाया गया था। उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। करीब 10 माह तक दरिया मंडल कारा बेतिया में बंद रहा। 23 दिसंबर, 2009 को उसे स्थानीय कोर्ट ने सशर्त जमानत पर छोड़ दिया था। इसके बाद वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। 28 जनवरी, 2010 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। तब से उसकी तलाश है।
वन विभाग के विशेष लोक अभियोजक रेयाजुल अंसारी ने बताया कि तस्कर दरिया गिरोह की महिलाएं बंजारों के भेष में जंगल में भ्रमण करती हैं। वन प्राणियों एवं वन संपदा की तस्करी में सहयोग करती हैं। पुलिस दरिया और उसके गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उनकी तलाश हरियाणा व मध्यप्रदेश की पुलिस भी कर रही है।
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