ऐतिहासिक गुप्ताधाम गुफा मंदिर आज भी इतिहासकारों के लिए बना रहस्य

संवाद सूत्र, चेनारी : ऐतिहासिक गुप्ताधाम के रहस्यमयी गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए कबतक सुगम रास्ता का निर्माण हो पाएगा, इसका आज भी श्रद्धालुओं को इंतजार है। गुप्ताधाम स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बिहार के विभिन्न जगहों के अलावा आसपास के कई राज्यो के श्रद्धालुओं के आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां साल में पांच बार लगने वाले मेला की बसंत पंचमी से शुरुआत होती है, परंतु सड़क के अभाव में घने जंगल एवं पहाड़ी पथरीली रास्ते से ही श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। सड़क का निर्माण हो जाने से बाबा गुप्तेश्वरनाथ को जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को यहां तक आने-जाने में काफी सहूलियत मिलेगी। आज भी रहस्य बना है यह गुफा मंदिर:


गुप्ताधाम का गुफा मंदिर प्रकृति प्रदत है या मानव निर्मित यह आज भी रहस्य बना हुआ है।
कैमूर की वादी में अवस्थित इस मनोरम स्थल का यदि विकास कर दिया जाए, तो यह सिर्फ शिवभक्तों के ही नहीं बल्कि पर्यटकों एवं सैलानियों के लिए भी आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र के रूप में देश के मानचित्र पर उभरकर सामने आ सकता है। कैमूर पहाड़ी को सुरक्षित वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर दिए जाने से यहां का विकास कार्य ठप पड़ गया है। साल में पांच बार यहां लगता है मेला:
प्रत्येक वर्ष यहां पांच बार मेला लगता है। बसंत पंचमी से मेला की शुरुआत होती है और फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि, चैत्र शिवरात्रि व वैशाख शिवरात्रि के अलावा सावन मास में पूरे माह यहां मेला चलता है। बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि एवं सावम मास में तो यहां बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंश् मध्यप्रदेश, उतरप्रदेश के कई जगहों से लाखों श्रद्धालु पहुंचकर बाबा गुप्तेश्वरनाथ को जलाभिषेक करते हैं।
पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की जरूरत:
प्राकृतिक छटा से भरपूर कैमूर पहाड़ी की गोद में अवस्थित गुप्ताधाम को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की जरूरत है। केपी जायसवाल शोध संस्थान के शोध अन्वेषक डॉ. श्यामसुंदर तिवारी बताते हैं कि इस गुफा में आदि मानव निवास करते थे। गुफा की दीवारों पर उकेरी गई रॉक पेंटिग से प्रतित होता है कि यह मध्य पाषाणकालीन शैलाश्रय रहा है। यह स्थल को धार्मिक, प्राकृतिक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, आधुनिक अभियांत्रिकी समेत सभी ²ष्टियों से महत्वपूर्ण पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।
कहते हैं लोग:
गणेशपुर निवासी द्वारिकाधीश दुबे उर्फ लल्लू दुबे, रमेश तिवारी, बैकुंठ सिंह आदि ने बताया कि सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी देखी गई। सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने से गुप्ताधाम तक आने जाने का मार्ग आसान हो जाएगा। सड़क नहीं होने से पहाड़ी पथरीली रास्ते को चीरते हुए कई छोटी-बड़ी नदियों को पारकर श्रद्धालु आते जाते हैं। इस दौरान श्रद्धालु के चोटिल एवं सावन मास के मेला के समय अक्सर लोगों के नदी में बह जाने की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। इनसेट
राशि के अभाव में एक माह से बंद है गुप्ताधाम सड़क का निर्माण कार्य
चेनारी: रोहतास। दुर्गावती जलाशय परियोजना के पास से होकर ऐतिहासिक गुप्ताधाम तक वन विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़क का कार्य राशि के अभाव में पिछले एक माह से बंद है। इस सड़क का निर्माण हो जाने से बाबा गुप्तेश्वरनाथ को जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को यहां तक आने-जाने में काफी सहूलियत मिलेगी। अबतक घने जंगल एवं उबडखाबड़ पहाड़ी रास्ते से पैदल ही श्रद्धालु यहां पहुंचते है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण का कार्य अक्टूबर 2020 में प्रारंभ किया गया है। फिलहाल पैसे के अभाव में जनवरी से कार्य पूरी तरह से ठप है। इस संबंध में रेंजर हेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा दुर्गावती जलाशय परियोजना के बगल से होकर गुप्ताधाम तक सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। फिलवक्त पैसे के अभाव में जनवरी से कार्य बंद है। वरीय पदाधिकारियों द्वारा विभाग के पास पत्र लिख राशि उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
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