जब्त वाहनों की नीलामी में आगे नहीं आ रहे खरीदार

जमुई। बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 तथा संशोधन अधिनियम 2018 में जब्त वाहनों के अधिग्रहण के पश्चात नीलामी प्रक्रिया में खरीदार सामने नहीं आ रहे। नतीजतन दूसरी बार नीलामी में विभाग की उम्मीदें अधूरी रह गई।

हालांकि इस बार गुरुवार को विधि व्यवस्था तथा परीक्षा ड्यूटी में नीलामी समिति के अधिकारियों की तैनाती के कारण नीलामी नहीं हो पाई और इसके लिए शीघ्र ही अगली तिथि जिला पदाधिकारी द्वारा निर्धारित किए जाने की बात उत्पाद अधीक्षक संजीव कुमार ठाकुर ने कही है, लेकिन अग्रधन राशि के साथ आवेदन जमा करने की तिथि 17 फरवरी बुधवार तक कुल छह वाहनों के लिए सात आवेदन उत्पाद विभाग के कार्यालय को प्राप्त हुए। यह दीगर बात है कि नीलामी में भागीदारों की उदासीनता के अनुभवों से नसीहत लेने की बात उत्पाद अधीक्षक ने बताते हुए कहा इस बार तिथि निर्धारित होने के बाद लाउडस्पीकर से भी स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार कराए जाएंगे। गौरतलब हो कि वाहनों की नीलामी के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया गया था। उक्त नीलामी में उत्पाद थाना के अलावा चकाई, चंद्रमंडी, सोनो, खैरा, सिकंदरा, जमुई, लक्ष्मीपुर सहित अन्य थानों में जब्त 122 वाहनों को सूचीबद्ध किया गया है। उक्त वाहनों में से कुल छह वाहन अर्थात लगभग चार फीसद वाहनों के लिए मात्र सात लोगों ने दिलचस्पी दिखाई। वैसे शराब के साथ जब्त वाहनों के लिए खरीदार सामने नहीं आने के पीछे की बड़ी वजह वाहन की स्थिति से ज्यादा उसकी कीमत होनी बताई जाती है। इसके पहले भी 2019 में नीलामी की प्रक्रिया की गई थी। तब भी गिनती के वाहनों की नीलामी हो पाई थी। नीलामी सूची में शुमार वाहनों में कई ऐसे भी वाहन हैं जो 2016 और 2017 से ही खुले में पड़े हैं। ऐसे में नियमावली के मुताबिक कीमत पर खरीदार का सामने नहीं आना स्वाभाविक ही है। वैसे बताया जाता है कि विभागीय नियमानुसार तीन बार नीलामी प्रक्रिया के पश्चात निर्धारित न्यूनतम मूल्य की समीक्षा की जाती है। इसके पश्चात उसमें कटौती कर फिर से नीलाम करने की प्रक्रिया आरंभ की जाती है।
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