'चउका' में छौंक, रूला रहा 'करुआ तेल'

जहानाबाद। घर के चउका में जब-जब सब्जी-दाल में छौंक लग रहा है करुआ तेल (राई-सरसों का तेल) का झांस रूला रहा है। खुदरा बाजार में 15 रुपये में 100 एमएल तेल से सब्जी और दाल बनाएं कि बदल में लगाएं। सर्द मौसम में करुआ तेल लगाकर धूप सेंकना और नहाना भी महंगा पड़ रहा है।

व्यंजन में स्वाद लाने वाला सरसों तेल की कीमत सुनकर ही डिपार्टमेंटल स्टोर से लेकर गांव के परचून दुकान पर बहस छिड़ गई है। बीते 11 माह में खाद्य तेल की कीमत करीब 47 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया है। बीते होली के समय 106 रुपये लीटर वाला खाद्य तेल की अधिकतम मूल्य 165 रुपये तक पहुंच गया। हालांकि बिक्री प्रिंट दर से कम पर हो रही है।
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बीते होली के समय की तुलना न केवल खाद्य तेल बल्कि रसोई गैस भी बटुआ खाली करा रहा है। घरेलू गैस पर अनुदान राशि भी लगातार घट रहा है। बीते साल अप्रैल में सरसों तेल 107 रुपये प्रति लीटर था। अब यही तेल 150 रुपये लीटर पहुंच गया। प्रति लीटर 11 माह में करीब डेढ़ गुना बढ़ा है।
-- सरसों तेल की कीमत -- अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक सरसों तेल की कीमत
माह -- सरसों तेल कीमत - अंतर
2020 अप्रैल -107
मई - 106
जून -111
जुलाई -127
अगस्त - 127
अक्टूबर -127
नवंबर -145
दिसंबर -143
जनवरी 2021 -147
15 फरवरी 2021 -139 से 150
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रसोई गैस प्रति सिलेंडर 14 किलोग्राम
2020 अप्रैल -846.50
मई -़624
जून -688
जुलाई -692
अगस्त -694.50
सितंबर - 695.50
अक्टूबर - 695.50
नवंबर - 695.50
दिसंबर - 695.50
दिसंबर - 795.50
जनवरी 2021- 795.50
फरवरी 2021 - 795.50
4 फरवरी -820.50
15 फरवरी -870.50 सुनें आम आवाम की
खाद्यान्न तेल का भाव इतनी उंचाई तक कभी नहीं पहुंचा था। आसमान छूती महंगाई ने व्यंजन का स्वाद ही फीका कर दिया है।
आशा सिन्हा
फोटो-01 घरेलू गैस सिलिडर की कीमत बढ़ने से घर का बजट ही बिगड़ गया है। परिवार अधिक होने के कारण एक सिलिडर 10 से 12 दिन तक ही चल पाता है। महीने में केवल गैस पर लगभग दो हजार रूपए चला जा रहा है।
रीता देवी
फोटो-02
सरसों तेल की कीमत बढ़ने से आम से लेकर खास तक परेशान हैं। कीमत में वृद्धि होने से खाद्य सामग्री का स्वाद ही समाप्त हो गया है।
रणविजय बाघेल
फोटो-03
गैस तथा सरसों तेल दोनों का कनेक्शन घरेलू बजट से जुड़ा हुआ है। सभी लोग इस महंगाई से परेशान है। परिवार बड़ा होने के कारण खपत अधिक है।
चंदन मुरारी
फोटो-04 खाद्यान्न तेल के भाव बढ़ने से भोजन का जायका समाप्त हो गया। चिकेन, मछली से अधिक कीमत तेल का हो गया है। अब कुछ स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के पहले सोंचना पड़ रहा है।
चंचल कुमार
फोटो-05
गैस सिलिडर में पहले सब्सिडी मिलता था। अब तो पता सब्सिडी भी मिलना बंद हो गया है। आम उपभोक्ता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
अरुण कुमार
फोटो-06
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