निर्माण के दौरान सामग्री नहीं हटाने पर मजदूरों को पीटा

औरंगाबाद। रास्ते से निर्माण सामग्री नहीं हटाने पर मंगलवार की शाम जिले के एक न्यायाधीश के आवासीय परिसर की चारदीवारी निर्माण में लगे तीन मजदूरों की पिटाई कर दी गई। पिटाई से राज मिस्त्री मुनी राम, मजदूर गोविद कुमार व रंजीत हाजरा घायल हो गए। तीनों का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया। इधर, सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल आरोपित मृत्युंजय कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद बुधवार को उसे जेल भेज दिया गया।

बताया जाता है कि न्यायाधीश के आवासीय परिसर के चारदीवारी का निर्माण कार्य चल रहा है। मिस्त्री व मजदूर निर्माण कार्य में लगे थे। वेलफेयर क्वार्टर जाने वाली सड़क पर निर्माण सामग्री बनाई गई थी। इस कारण रास्ता अवरुद्ध था। आरोप है कि फ्लैट में रहने वाले मृत्युंजय कुमार सिंह कार से पहुंचे। काम में लगे मजदूरों को सड़क से सीमेंट हटाने को कहा। मजदूरों ने जब सीमेंट हटाने में आनाकानी की, तो वाहन से डंडा निकालकर मजदूरों की पिटाई कर दी।

मजदूरों की पिटाई देख किसी ने नगर थाने की पुलिस को इसकी सूचना दे दी। सूचना के बाद तत्काल पुलिस पहुंच गई। मजदूरों से पूछताछ के बाद आरोपित मृत्युंजय कुमार सिंह को हिरासत में ले लिया। मृत्युंजय को उठाए जाने के बाद समझौते का प्रयास प्रारंभ हो गया। देर रात तक इसको लेकर गहमागहमी का माहौल रहा। समझौता नहीं होने पर पुलिस ने मामले में सरकारी कार्य में बाधा, अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। थानेदार अंजनी कुमार ने बताया कि घायल मिस्त्री मुनी राम के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। वेलफेयर फ्लैट में रह रहे मृत्युंजय कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोरोना जांच के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। घटनास्थल से रमेश चौक तक मची रही गहमागहमी
पिटाई के बाद जैसे ही पुलिस ने आरोपित को उठाया, घटनास्थल से रमेश चौक तक गहमागहमी हो गई। नगर थाने में लोग समझौता के लिए जुट गए। मामले को लेकर नगर थाने की पुलिस भी देर रात तक परेशान रही। हालांकि मजदूरों के साथ एक न्यायिक अधिकारी के होने के कारण इनका पक्ष मजबूत था। समझौते का प्रयास मुकाम तक नहीं पहुंच सका। दोनों पक्ष से भीड़ जुटी रही। मामला बनता न देख देर रात में सभी लौट गए।
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