स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को बनना होगा गंभीर : डीएम

मधेपुरा। शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक शुक्रवार को समहरणालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि शिक्षक जब तक छात्रों के प्रति गंभीर नहीं होंगे तब तक जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं आ सकती है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षकों को बच्चों के प्रति गंभीर होना होगा। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि अच्छे शिक्षकों की टीम बनाएं। विद्यालय समय पर खुले, इसके लिए विभाग के अधिकारी सख्त निर्देश जारी करें। वहीं विद्यालय संचालन में आ रही समस्या के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करें। डीएम ने कहा कि अगर शिक्षक समय पर उपस्थित नहीं हो उस पर सख्त कार्रवाई की जाय। एचएम से लेकर डीईओ सभी छात्रों की कॉपी की जांच करें। उसके बाद कॉपी के नीचे स्वयं हस्ताक्षर करें। वहीं कमी पाए जाने वाले जगह पर मार्किंग करते हुए संबंधित शिक्षकों को निर्देश दें। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षकों को सम्मानित किया जाए। प्रखंड में गुणवत्ता शिक्षा के लिए बीईओ जिम्मेदार होंगे। एमडीएम की समीक्षा करते हुए कहा कि एक मार्च से जिले में वर्ग एक से 12 तक के स्कूल खुलेंगे। स्कूल संचालन के दौरान शारीरिक दूरी के साथ-साथ सुरक्षात्मक उपाय के तहत मास्क का उपयोग अनिवार्य करें। मौके पर डीईओ जगतपति चौधरी, एमडीएमके डीपीओ के केएन सादा, एसएसए के डीपीओ गिरीश कुमार, माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ राशिद नवाज समेत अन्य कर्मी मौजूद थे। उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में अतिथि शिक्षकों को नहीं लगाए जाने पर रोष मधेपुरा । बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने अतिथि शिक्षकों को इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाए जाने पर रोष जताया है।
उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का यह निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण है। विगत वर्ष शिक्षक संगठनों द्वारा मूल्यांकन बहिष्कार किए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया था। अतिथि शिक्षकों ने अपने कर्तव्य को भली-भांति निभाया। जब निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया जा सकता है तो अतिथि शिक्षकों को क्यों नहीं। उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि अतिथि शिक्षकों को शिक्षण के साथ-साथ मूल्यांकन कार्य में भी लगाया जाए। बिहार बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य को शैक्षणिक कार्य माना है। उन्होंने कहा कि हाल ही में विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों के मानदेय को अधिकतम 50 हजार प्रतिमाह करने के निर्णय का स्वागत किया है।

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